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भारतीय पर्यटकों को लुभाता जर्मनी

प्रभाकर मणि तिवारी
८ दिसम्बर २०१६

जर्मनी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटक राइन नदी में क्रूज के दौरान समोसा खाते हुए मसाला चाय का लुत्फ उठा सकेंगे.

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Deutschland Düsseldorf
जर्मनी की राइन नदीतस्वीर: picture alliance/blickwinkel/S. Ziese

जर्मनी ने बड़े पैमाने पर भारतीय पर्यटकों को लुभाने की योजना बनाई है. इसी मकसद से जर्मन नेशनल टूरिस्ट आफिस (जीएनटीओ) ने हाल ही में भारत के चार महानगरों में रोड शो का आयोजन किया. उसे वर्ष 2021 तक सालाना 10 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटकों के जर्मनी पहुंचने की उम्मीद है. फिलहाल यह आंकड़ा 6.92 लाख का है. टूरिस्ट ऑफिस भारतीय फिल्म निर्माताओं को भी जर्मनी में शूटिंग के लिए आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है. चेन्नई, मुंबई और नई दिल्ली के बाद कोलकाता में इस रोड शो का समापन हुआ. इस रोड शो में आठ जर्मन टूरिज्म बोर्ड और टूरिज्म कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया.

पसंद का ख्याल

जर्मनी के पर्यटन बोर्ड बड़े पैमाने पर भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उनकी पसंद के मुताबिक टूर कार्यक्रम में कई बदलाव कर रहे हैं. अब अगले साल जर्मनी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटक राइन नदी में क्रूज के दौरान समोसा खाते हुए मसाला चाय का लुत्फ उठा सकते हैं. जीएनटीओ के निदेशक रोमित थियोफिलस बताते हैं, "जर्मनी में लगभग 16 हजार भारतीय रेस्तरां चुने गए हैं. हमारा लक्ष्य महज घूमने के लिए आने वाले पर्यटक हैं." वह बताते हैं कि व्यापार के सिलसिले में जर्मनी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की तादाद तो बढ़ ही रही है. लेकिन महज मौज-मस्ती के लिए घूमने वाले लोगों की तादाद बढ़ाना जरूरी है.

Romit Theophilus Direktor German National Tourist Office
रोमित थियोफिलस, निदेशक (सेल्स एंड मार्केटिंग), जर्मन नेशनल टूरिस्ट ऑफिस, भारततस्वीर: DW/P. Tewari

केडी राइन क्रूज की लुइसा जिमरमान बताती हैं, "हम अगले साल से क्रूज के दौरान मसाला चाय और समोसे जैसे भारतीय स्नैक्स शुरू करने की योजना बना रहे हैं." वह कहती हैं कि भारतीय पर्यटकों को जर्मन खाने का भी लुत्फ उठाना चाहिए. लेकिन उनके लिए भारतीय खाने का भी विकल्प मौजूद रहेगा. विभिन्न टूरिज्म बोर्डों के प्रतिनिधियों का कहना है कि जर्मनी में भारतीय खाने या शाकाहार की वजह से भारतीय पर्यटकों को किसी दिक्कत का सामना नहीं करना होगा. छोटे-छोटे शहरों में भी कम से कम दो भारतीय रेस्तरां जरूर हैं.

बढ़ती तादाद

जर्मनी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की तादाद लगातार बढ़ रही है. रोमित बताते हैं, "इस साल जनवरी से अगस्त के दौरान बीते साल की इसी अवधि के मुकाबले पर्यटकों की तादाद में 4.4 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई." वह कहते हैं कि भारत से जाने वाले लगभग 50 फीसदी पर्यटक मौज-मस्ती और प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने के लिए जर्मनी जाते हैं. लेकिन हम ऐसे पर्यटकों की तादाद को और बढ़ाना चाहते हैं. थियोफिलस के मुताबिक, "हमारा लक्ष्य भारतीयों में प्राकृतिक सौंदर्य के पसंदीदा ठिकाने के तौर पर जर्मनी को बढ़ावा देना है. बदलते समय और भारतीय पर्यटकों के मूड को ध्यान में रखते हुए टूरिस्ट ऑफिस ने इस साल फरवरी में जर्मनी टूरिज्म का नया फेसबुक पेज भी शुरू किया है."

सैर के ठिकानों की तलाश में सोशल मीडिया की अहमियत काफी बढ़ी है. फेसबुक जैसी लोकप्रिय साइटों पर इसके लिए पेज बनाना जरूरी हो गया है ताकि लोग अपने पसंदीदा ठिकानों को चुन सकें. इस पेज से उनको संबंधित इलाकों के बारे में तमाम जानकारियां मिल जाती हैं. थियोफिलस का दावा है कि जर्मनी में हर मूड और पसंद के सैलानियों के लिए कुछ न कुछ जरूर है.

बॉलीवुड को न्योता

जीएनटीओ ने बॉलीवुड और टॉलीवुड के निर्माता-निर्देशकों को भी बड़े पैमाने पर जर्मनी में फिल्मों की शूटिंग करने का प्रस्ताव देते हुए इस सिलसिले में उनको तमाम सहूलियतें देने की पेशकश की है. रोमित थियोफिलस कहते हैं, "वर्ष 2011 में वहां दो भारतीय फिल्मों की शूटिंग हुई थी. अब हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक फिल्में वहां शूट हों. दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग भी हमारे लिए काफी अहम है." वह बताते हैं कि अब लखनऊ, चंडीगढ़ और जयपुर जैसे ऐसे शहरों से भी पर्यटक भारी तादाद में जर्मनी पहुंच रहे हैं जहां से कोई सीधी उड़ान नहीं है. इससे साफ है कि जर्मनी के नजारे उनको लुभा रहे हैं. वर्ष 2007 से 2015 के दौरान जर्मनी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की तादाद में 84 फीसदी इजाफा हुआ और यह आंकड़ा 6.92 लाख तक पहुंच गया है. जीएनटीओ का लक्ष्य अब इसे बढ़ा कर दस लाख के पार पहुंचाने का है.