1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत अंतरिक्ष में छा जाने को बेकरार

३० दिसम्बर २०१०

अगले दशक में अंतरिक्ष की अभूतपूर्व उड़ान भरेगा भारत. तय कार्यक्रम के तहत भारत धरती पर बारीक निगाह रखने के लिए 30 उपग्रह छोड़ेगा. साथ ही घंटे भर में इमरजेंसी मशीनें भी तैयार होंगी. ऐसे कामों में छात्रों की मदद ली जाएगी.

https://p.dw.com/p/zrJQ
तस्वीर: picture-alliance/dpa

हैदराबाद में भारतीय अंतरिक्ष विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अगले दस साल में कम से कम 30 सैटेलाइट्स छोड़ी जाएंगी. नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के डॉक्टर वी जयरमण के मुताबिक इस कार्यक्रम के लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है.

नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के मुताबिक भविष्य में छोड़ी जाने वाली सैटेलाइटस की मदद से नेवीगेशन और राहत व बचाव संबंधी कार्यों में मदद मिलेगी. डॉ वी जयरमण ने कहा, ''हम जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में रिसोर्ससेट-2 छोड़ेंगे. यह रिसोर्ससेट-1 की जगह लेगी. इससे 70 किलोमीटर के दायरे की कई आयामों वाली साफ छवि मिल सकेगी.''

Indien Mond Rakete Raumfahrt
तस्वीर: AP

इनमें से कुछ उपग्रह छात्रों ने बनाए हैं. रिसोर्ससेट-2 और यूथ सैटेलाइट सिंगापुर यूनीवर्सिटी के छात्रों का कमाल है. इनकी मदद से कृषि और मौसम संबंधी जानकारियां भी ज्यादा सटीक ढंग से मिल सकेंगी.

इसके साथ हैदराबाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी सिंगल ग्राउंड स्टेशन बना रही है. जून 2011 से यह स्टेशन चालू हो जाएगा. इसमें भारतीय सैटेलाइट्स का पूरा डाटा आएगा. अधिकारियों के मुताबिक सिंगल ग्राउंड स्टेशन में अंतरिक्ष कार्यक्रमों में इस्तेमाल होने वाले उपकरण 12 घंटे के भीतर बनाए जा सकेंगे. भविष्य में अंतरिक्ष में भेजे गए उपकरणों में दिक्कत आने पर घंटे भर के भीतर इमरजेंसी मशीन तैयार हो जाएगी.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें