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भारत और मदद को तैयार, पाक कशमकश में

१९ अगस्त २०१०

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को फोन कर बाढ़ पीड़ितों के लिए और मदद की पेशकश की है. पर अमेरिकी अपील के बावजूद पाकिस्तान ने कहा है कि भारतीय मदद लेने पर अभी फैसला नहीं हुआ.

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करोडों को मदद की दरकारतस्वीर: AP

मनमोहन सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के समय में सभी दक्षिण एशियाई देशों को आगे आकर पाकिस्तान को हर तरह की मदद देनी चाहिए, ताकि वहां के लोगों को सहारा दिया जा सके. पाकिस्तान इन दिनों 80 साल में सबसे बुरी बाढ़ की मार झेल रहा है. देश का 20 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा हुआ है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 1700 से ज्यादा लोग अब तक मारे जा चुके हैं जबकि साढ़े छह लाख लोगों को रहने के लिए तंबूओं की बुनियादी व्यवस्था भी नहीं है. कुल मिलाकर 60 लाख बाढ़ पीड़ितों की मदद की जरूरत है.

Pakistan Flut Katastrophe 2010 NO FLASH
तस्वीर: AP

सिंह ने गिलानी को फोन कर पाकिस्तान की स्थिति पर दुःख जताया. भारत सरकार पहले ही पाकिस्तान को मदद देने का एलान कर चुकी है जिस पर पाकिस्तान ने अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है. पिछले हफ्ते भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को फोन किया और बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 50 लाख डॉलर देने की बात कही.

इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउली ने कहा, "आपदा से निपटने के मामले में राजनीति की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए. एक देश (भारत) है जो आपकी मदद करना चाहता है. हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान इसे स्वीकार करेगा." अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए विशेष अमेरिकी उप प्रतिनिधि फ्रैंक रुगिरो ने भी पाकिस्तान से भारतीय मदद स्वीकार करने को कहा है.

NO FLASH Hochwasser in Pakistan
तस्वीर: picture-alliance/dpa

उधर पाकिस्तान ने कहा है कि भारतीय मदद लेने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा, "हम भारत की पेशकश को सराहते हैं. यह प्रस्ताव संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है और इस मामले पर विचार हो रहा है."

जब पाकिस्तानी प्रवक्ता से भारतीय मदद के बारे में अमेरिकी रुख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "पाकिस्तान एक संप्रभु देश है और जो देश हित में होगा, हम उसी के मुताबिक फैसले लेंगे."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम