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भारत का इमरजेंसी नंबर 2611

१० अगस्त २०१०

पुणे के एक इंजीनियर ने पूरे भारत में आपदा के समय राहत के लिए एक इमरजेंसी नंबर तैयार किया है. देश के किसी भी कोने में कोई संकट हो तो इस नंबर पर फोन कर जानकारी दी और ली जा सकती है. ये नंबर है 2611.

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तस्वीर: dpa - Report

भारत में जब भी कहीं कोई आपदा आती है तो जानकारी के लिए नया नंबर दिया जाता है. इस नंबर को याद करना एक कठिन काम है क्योंकि हर बार ये नंबर बदल जाता है. 2611 ऐसा नंबर है जो देश में जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की आपदा के समय इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे नेशनल इमरजेंसी टेलिफोन नंबर का नाम दिया गया है. 2611 को तैयार किया है पुणे के इंजीनियर दिनकर बोर्ड ने. पिछले साल अक्टूबर में बोर्ड ने अपना प्रस्ताव गृहमंत्रालय में पुलिस की रिसर्च एंड डेवलपमेंट ब्यूरो को दिया था. आपदा के समय ये नंबर जानकारी देगा, सेना या अर्द्धसैनिक बलों को मौके पर जमा करेगा और उनके बीच तालमेल भी बनाए रखेगा. बोर्डे ने बताया कि उन्होंने सरकार से देश के सभी आपाकालीन नंबरों को 2611 के साथ जोड़ने का अनुरोध किया है.

Altes Telefon
तस्वीर: BilderBox

यही नंबर क्यों पूछने पर बोर्डे कहते हैं," ये याद करने में आसान है और पूरी तरह सुरक्षित भी और साथ ही ये मुंबई पर हुए आतंकी हमले की तारीख से भी जुड़ा है."

बोर्डे बताते हैं कि आपात समय में की गई कॉल को सेंट्रल मॉनीटर सिस्टम देखेगा और हालात का अंदाजा लगाने के कुछ ही देर में सहायता प्रभावित शख्स के पास पहुंच जाएगी.बस इसके लिये किसी भी मुसीबत में फंसे इंसान को 2611 पर फोन करके अपना हाल बताना होगा. नंबर जल्दी से लगे और कभी व्यस्त ना हो इसके लिए भी पूरा इंतजाम है और साथ ही ये तकनीक भी जिससे कि ये पता चल सके कि फोन कहां से आया. डायल 2611 इंसान, मशीन और तकनीक का बेजोड़ संगम है. इसमें जीपीएस, जीआईएस, सेटेलाइट, मोबाइल, आईटी के साथ राहत एजेंसियों को भी जोड़ा गया है.

ये भारत में बोली जाने वाली सभी भाषाओं को जानता है और उसमें जवाब भी दे सकता है. जब भी मुसीबत में पड़ा कोई शख्स फोन करेगा तो कॉल पहले नेशनल स्विचबोर्ड में जाएगी जहां से उसकी लोकेशन का पता लगाकर नजदीकी सहायता केंद्र को कॉल जानकारी भेजी जाएगी.

सहायता केंद्र में प्रशिक्षित कर्मचारी मौजूद रहेंगे जो आपकी हालात और जरूरत का अंदाजा लगाकार बचावकर्मियों के दल को रवाना करेंगे.

2611 से सहायता पहुंचाने वाले दूसरे नंबर जैसे कि 100, 101, 103 और 108 भी जुड़े होंगे. इस नंबर की सुरक्षा के लिए भी पक्के इंतजाम किये गए हैं इसे हैक करना नामुमकिन होगा. दुनिया के बाकी देशों में पहले से ही इस तरह के नंबर काम कर रहे हैं. अमेरिका का आपदा नंबर है 911.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः आभा एम