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भारत के जहाज भी गजा नाकेबंदी खत्म करने के अभियान में

२६ जुलाई २०१०

गजा पट्टी की समुद्री नाकेबंदी खत्म करने के लिए भारत भी अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बना. अमेरिका, यूरोप, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और मध्यपूर्वी देशों के जहाजों के साथ भारत का जहाज भी गजा की ओर बढ़ेगा.

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तस्वीर: AP

'ऑडेसिटी ऑफ होप' यानी उम्मीद के लिए दुस्साहस नाम के इस अभियान के जहाजी बेड़े में वो अमेरिकी जहाज भी है जिसका नाम राष्ट्रपति बराक ओबामा की आत्मकथा के नाम पर रखा गया है. जहाज़ों का ये बेड़ा इस्राएल पर गजा पट्टी की नाकेबंदी खत्म करने के लिए दबाव बनाने के इरादे से वहां जा रहा है.

अमेरिका में फलीस्तीन समर्थक कार्यकर्ताओं के एक ईमेल से ये बात सामने आई है. नया अभियान काफी होहल्ले के बाद गजा पट्टी की जमीनी नाकेबंदी खत्म होने के बाद शुरू किया जा रहा है.

Lockerung der Gaza Blockaden
समुद्री सीमा की नाकेबंदी के खिलाफ अभियानतस्वीर: AP

इस अभियान के जरिए अगले महीने तक करीब 3 लाख 70 हज़ार अमेरिकी डॉलर जुटाने का भी लक्ष्य रखा गया है. इस पैसे से एक जहाज खरीदा जाएगा जिसमें सवार होकर 40-60 प्रमुख लोग अभियान में शामिल होंगे. साथ ही अभियान के दूसरे खर्चों के लिए भी यही पैसा इस्तेमाल होगा. अभियान का समर्थन करने वाले प्रमुख लोगों में प्रो. राशीद खालिदी भी हैं. खालिदी को उम्मीद है कि अभियान में अमेरिकी जहाज होने के बाद इस्राएल के लिए इस बेड़े पर हमला करना मुश्किल होगा. हालांकि राशीद खालिदी के इस अभियान से जुड़ने के कारण अमेरिका में इसके आलोचक भी कम नहीं हैं. अमेरिका के दक्षिणपंथी खालिदी को हमास से सहानूभूति रखने वाला मानते हैं.

करीब एक महीने पहले इस्राएल ने तुर्की के एक जहाजी बेड़े पर हमला कर दिया था जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई. ये जहाज़ गज़ा पट्टी के लिए राहत का सामान लेकर जा रहा था. पूरी दुनिया में इस्राएल के इस हमले की आलोचना हुई. इसके साथ ही इस्राएल पर गज़ा की नाकेबंदी खत्म करने के लिए दबाव बढ़ गया. इस्राएल ने इस दबाव में जमीनी नाकेबंदी तो खत्म कर दी है लेकिन समुद्री सीमाओं पर अभी भी सख्त पहरा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः आभा एम

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