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भारत के दौरे पर हैं अफगानिस्तान के विदेश मंत्री

२५ अगस्त २०१०

अफगानिस्तान से पश्चिमी सेनाओं की चरणबद्ध वापसी और अफगान सरकार को धीरे-धीरे देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपने की नीति से उत्पन्न चिंताओं के बीच अफगान विदेश मंत्री जलमई रसूल भारत की यात्रा कर रहे हैं.

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करजई और मैर्केल के साथ रसूलतस्वीर: picture-alliance/dpa

क्षेत्रीय सुरक्षा के सवालों पर होने वाली बातचीत में पाकिस्तान के साथ दोनों देशों के जटिल संपर्कों की भी चर्चा की जाएगी. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने कहा कि विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ बातचीत में द्विपक्षीय सवालों के अलावा आम दिलचस्पी के अन्य सवालों की भी चर्चा की जाएगी. दो दिनों की अपनी यात्रा के दौरान अफगान विदेश मंत्री रसूल भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे.

Bundeswehrsoldaten in Dorf in Afghanistan
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

माना जा रहा है कि विदेश मंत्री रसूल अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए काबुल सरकार की कोशिशों के बारे में भारतीय नेताओं को जानकारी देंगे. अफगान सरकार की इस आशय की योजनाओं में तालिबान की नरमपंथी ताकतों को मुख्य धारा में लाना भी शामिल है.

इस बीच न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान के एक चोटी के कमांडर की पाकिस्तान में गिरफ्तारी अफगान सरकार व तालिबान के बीच बातचीत के भीतरघात की कोशिश हो सकती है.

पाकिस्तान के साथ भारत व पाकिस्तान दोनों देशों के संबंध जटिल बने हुए हैं. दोनों देशों को शक है कि पाकिस्तान अपनी ज़मीन पर चरमपंथियों को वित्तीय और अन्य प्रकार की मदद दे रहा है. सन 2011 के मध्य में अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिक वापस बुलाना चाहता है. इससे पैदा हो सकने वाली अस्थिरता के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान दोनों वहां अपना असर कायम करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

अमेरिकी हमले के ज़रिये तालिबान शासन खत्म होने के बाद से भारत की ओर से अफगानिस्तान में 1.3 अरब डालर के बराबर निवेश किया गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता प्रकाश ने कहा कि मुख्यतः स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में ये निवेश किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण और विकास के कामों में सहयोग कर रहा है. भारत वहां छठा सबसे बड़ा दाता देश है. भारत के चार हजार कर्मी वहां सड़क, सीवर प्रणाली व उर्जा व्यवस्था के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. भारत वहां नए संसद भवन का भी निर्माण कर रहा है.

इस वर्ष फरवरी में काबुल में विदेशियों पर हुए एक आत्मघाती हमले में 16 लोग मारे गए थे, जिनमें 9 भारतीय भी शामिल थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एस गौड़

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