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भारत को टैक्स से जुड़ी जानकारी देगा स्विट्जरलैंड

२९ जनवरी २०११

स्विट्जरलैंड ने इस दावे के खारिज किया है कि उनका देश टैक्स चोरों के लिए स्वर्ग बन गया है. स्विटजरलैंड सरकार के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि भारत को स्विस बैंक में जमा काले धन से जुड़े टैक्स के बारे में जानकारी दी जाएगी.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

स्विटजरलैंड सरकार ने उम्मीद जताई है कि भारत के साथ टैक्स के मामले में नया करार इस साल लागू हो जाएगा. इसके बाद स्विस अधिकारी भारत को टैक्स की चोरी करने वालों से निबटने में प्रशासनिक सहयोग देंगे. स्विटजरलैंड के वित्त विभाग में उप मंत्री मिषाएल एम्बुल ने कहा, "हमने भारत के साथ इस मामले में एक समझौता किया है जिस पर फिलहाल संसद में बहस चल रही है. जल्दी ही संसद इस पर अपनी सहमति की मुहर लगा देगी. इसके बाद हम टैक्स की चोरी रोकने के लिए कदम उठाएंगे. दोनों पक्ष टैक्स चोरी रोकने के लिए प्रशासनिक सहयोग एक दूसरे को दे सकेंगे."

Bank Credit Suisse in Zürich
तस्वीर: AP

संसद में अभी नहीं पास हुआ समझौता

भारत और स्विटजरलैंड ने पिछले साल अगस्त में नए डबल टैक्स एवॉयडेंस एग्रीमेंट, डीटीएए पर दस्तखत किए थे. इस समझौते के बाद दोनों देशों के लिए एक दूसरे को टैक्स की चोरी करने वालों के बारे में जानकारी देना आसान हो गया. स्विस बैंक में पैसा जमा करने वालों के लिए अपने खाते के बारे में पूरी जानकारी देना इस समझौते के बाद जरूरी हो गया है. हालांकि ये समझौता अभी स्विटजरलैंड की संसद से पास नहीं हुआ है.

एम्बुल ने कहा,"स्विटजरलैंड के बारे में लोगों की धारणा गलत है. स्विटजरलैंड टैक्स की चोरी करने वालों का स्वर्ग नहीं है, यहां ऐसे लोगों को टैक्स से राहत नहीं मिलती जो अपना पैसा छुपाना चाहते हैं." इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा, "हम स्विस बैंक के ग्राहकों की गोपनीयता बनाए रखना चाहते हैं लेकिन हम उन्हें टैक्स जमा करने से नहीं बचाना चाहते. स्विटजरलैंड में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि आप अपना टैकास जमा न करें." उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत सरकार के अधिकारी इस बात का सबूत दें कि टैक्स की चोरी हुई है तो उन्हें ऐसे लोगों के खाते के बारे मे सारी जानकारियां दी जाएंगी उन्हें हर तरह का प्रशासनिक सहयोग मुहैया कराया जाएगा.

दोनों देशों के बीच नया समझौता क्या बदलाव लाएगा पूछे जाने पर एम्बुल ने कहा,"सब कुछ बदल जाएगा. हमने पहले ही न्यायिक और प्रशासनिक सहयोग के लिए कानूनी आधार बना लिया है. एक बार ताकत प्रयोग करने की इजाजत मिल गई तो फिर ये और बेहतर हो जाएगा."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ईशा भाटिया

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