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भारत को लुभाने की कोशिश में कैमरन

२८ जुलाई २०१०

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन दो दिन की भारत यात्रा पर बैंगलोर पहुंच गए हैं. कैमरन की कोशिश व्यापार के क्षेत्र में भारत के साथ संबंध मजबूत करने की होगी, वह अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी भारत के साथ बातचीत करेंगे.

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भारत पहुंचे कैमरनतस्वीर: AP

मई में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद कैमरन की यह पहली भारत यात्रा है. कैमरन के साथ आए प्रतिनिधिमंडल में छह मंत्री और बड़ी कंपनियों के तीस से ज्यादा अधिकारी हैं. कैमरन यह दिखाना चाहते हैं कि ब्रिटेन भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते बढ़ाने के लिए इच्छुक और गंभीर है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बुधवार को बैंगलोर में कैमरन भारतीय व्यवसायियों को संदेश देंगे, "मैं दोनों देशों के बीच ऐसा रिश्ता चाहता हूं जिसमें आर्थिक विकास ऊपर की ओर जाए लेकिन बेरोजगारों की संख्या नीचे गिरे."

भारत, चीन, ब्राजील और रूस ब्रिक देशों के समूह का हिस्सा है जो तेजी से अर्थव्यवस्था के मामले में आगे बढ़ रहे हैं. ब्रिटेन भारत में संभावनाए तलाश रहा है और कैमरन व्यापारिक और रणनीतिक रिश्तों को परवान चढ़ाना चाहते हैं. कैमरन की यात्रा में दोनों देशों के बीच कोई बड़ा समझौता नहीं होने की उम्मीद है लेकिन इसे रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत बताई जा रही है. भारत और ब्रिटेन के बीच अफगानिस्तान में स्थिति और आपसी सहयोगी की संभावनाओं पर भी विचार विमर्श होगा.

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हॉक विमानों का सौदा करीबन तयतस्वीर: picture-alliance/ dpa

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से तालिबान चरमपंथियों को मदद दिए जाने की रिपोर्टें मीडिया में सामने आने के बाद हलचल मच गई है. संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ मुलाकात में मनमोहन सिंह अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका से जुड़ी हुई भारतीय चिंताओं से उन्हें अवगत कराएंगे.

इस दौरे में ब्रिटेन और भारत के बीच 70 करोड़ पाउंड के 57 हॉक जेट का सौदा होने की भी उम्मीद है. रॉयटर्स के मुताबिक समझौता अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है. भारत में ब्रिटेन के हाई कमिश्नर सर रिचर्ड स्टैग का कहना है कि वैश्विक सुरक्षा को पैदा हुए खतरे, आर्थिक विकास और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर आपसी हितों के लिए दीर्घकालीन रिश्ते को बनाने पर जोर दिया जाएगा.

स्टैग का कहना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मुद्दे पर भारत और ब्रिटेन की सोच में ज्यादा फर्क नहीं है. दोनों देशों चाहते हैं कि अफगानिस्तान में 2001 से पहले जैसी स्थिति न आए जब तालिबान ने आतंकवादियों को शरण देनी शुरू कर दी थी. बुधवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग और भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के बीच वार्ता होगी और उस दौरान यह मुद्दा उठने की उम्मीद है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह

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