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भारत ने डब्ल्यूटीओ डील रोकी

१ अगस्त २०१४

भारत ने खाद्यान्न सुरक्षा की पुरजोर वकालत बताते हुए विश्व व्यापार संगठन के समझौते को पारित होने से रोक दिया है. नई डील से 10 खरब डॉलर और करीब दो करोड़ नई नौकरियां पैदा करने की बात थी.

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तस्वीर: imago/Gerhard Leber

विश्व व्यापार संगठन डब्ल्यूटीओ में काम कर रहे कई देशों ने भारत के फैसले पर चिंता जताई है. डब्ल्यूटीओ देशों के मंत्रियों ने पहले ही दुनिया भर में कस्टम कानून के सुधारों और व्यापार को बेहतर बनाने पर बात कर ली थी. लेकिन भारत इसके पक्ष में नहीं था. समझौता को पारित करने की आखिरी तिथि 31 जुलाई थी.

जेनेवा में डब्ल्यूटीओ के महासचिन रोबेर्तो आजेवेदो ने कहा, "हम अब तक कोई हल नहीं ढूंढ पाए हैं जिससे यह समस्या सुलझ जाए." ज्यादातर राजनयिकों को लग रहा था कि डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश इस बार समझौता कर लेंगे लेकिन ऐन वक्त पर भारत ने अपना वीटो पेश किया.

Protest indischer Bauern gegen die WTO
भारत में डब्ल्यूटीओ डील के खिलाफ प्रदर्शनतस्वीर: Raveendran/AFP/Getty Images

भारत की शर्त है कि व्यापार को बढ़ाने वाले समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए एक दूसरे समझौते पर काम होना चाहिए जो उसे खाद्यान्न सबसिडी और भंडारण की आजादी दे. डब्ल्यूटीओ के वर्तमान कानूनों के मुताबिक ऐसा कुछ ही हद तक संभव है. भारत में नरेंद्र मोदी सरकार ने कहा है कि इस समझौते को डब्ल्यूटीओ के व्यापार समझौते जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए.

डब्ल्यूटीओ के देश भारत के वीटो से काफी दुखी हो गए हैं. सदस्य अब व्यापार संगठन के भविष्य पर भी विचार करने लगे हैं. अमेरिका की तरफ से डब्ल्यूटीओ में दूत माइकल पंक ने कहा, "जाहिर है कि हम बहुत दुखी और निराश हैं और कुछ देश अपने वादे रखने को तैयार नहीं हैं जो उन्होंने बाली सम्मेलन में दिया था. हम महासचिव का समर्थन करते हैं कि यह संगठन अब अस्थिर हो रहा है."

ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री ऐंड्र्यू रॉब ने कहा कि इस नतीजे से किसी को फायदा नहीं होगा, खास तौर से उन विकासशील देशों को जिन्हें समझौते से बहुत मुनाफा होता. इस बीच यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, जापान, नॉर्वे और अमेरिका एक योजना पर विचार कर रहे हैं जिसके मुताबिक वह बिना भारत के आगे बढ़ेंगे. लेकिन न्यूजीलैंड जैसे देशों का मानना है कि भारत के बिना आगे बढ़ने बेवकूफी होगी क्योंकि भारत की जनसंख्या चीन के बाद सबसे ज्यादा है और यह एक अहम बाजार है.

एमजी/(डीपीए, रॉयटर्स)