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भारत ने यूएन में खुद को शर्मिंदा किया: मलीहा लोधी

३० सितम्बर २०१६

डॉयचेवेले ने यूएन में पाकिस्तान की स्थायी राजदूत मलीहा लोधी से बात की और कुछ मुश्किल सवाल पूछे. पढ़िए, क्या कहा मलीहा लोधी ने.

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Maleeha Lodhi UN Botschafterin für Pakistan
तस्वीर: UN Photo

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी राजदूत मलीह लोधी का मानना है कि भारत ने बलूचिस्तान का मुद्दा उठाकर खुद को शर्मिंदा किया है क्योंकि यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और इसकी तुलना कश्मीर से नहीं की जा सकती. डॉयचे वेले से एक बातचीत में लोधी ने कहा कि कश्मीर और बलूचिस्तान की तुलना इसलिए नहीं की जा सकती क्योंकि कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय विवाद है और इस बात पर यूएन भी सहमत है. उन्होंने कहा, "कश्मीर और बलूचिस्तान में कोई समानता नहीं है. बलूचिस्तान पाकिस्तान का आंतरिक मामला है जबकि जबकि कश्मीर एक माना हुआ अंतरराष्ट्रीय विवाद है. यूएन में बलूचिस्तान की बात करके भारत ने बस अपने आपको शर्मिंदा ही किया है."

लोधी ने कहा कि आतंकवाद से जंग में जितनी कुर्बानियां पाकिस्तान ने दी हैं, उतनी किसी और देश ने नहीं दीं. उन्होंने कहा, "भारत दावा करता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को स्पॉन्सर करता है. यह गलत दावा है. पाकिस्तान ने अपनी सरजमीं से अलकायदा का सफाया किया है. हमारे दो लाख जवान आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं. सच यह है कि भारत खुद स्टेट टेररिज्म में शामिल है और आम नागरिकों को मार रहा है."

यह भी देखें: कश्मीर मुद्दे की पूरी रामकहानी

संयुक्त राष्ट्र की महासभा की बैठक में भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर एक दूसरे को घेरने की भरपूर कोशिश की. पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत पर कश्मीर के लोगों पर जुल्म करने का आरोप लगाया तो भारत ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित कर दिया जाना चाहिए. लोधी कहती हैं कि भारत ने यूएन में जो भी कहा वह तथ्यों से परे और विरोधाभासी है. सुषमा स्वराज के भाषण पर डॉयचवेले के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "उनके बयान गलत हैं. भारतीय विदेश मंत्री का यह दावा गलत है कि भारतीय सेना कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं कर रही है. अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाएं इस पर दस्तावेजी सबूत दे चुकी हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि भारत पर दबाव बनाए कि संयुक्त राष्ट्र के फैक्ट फाइंडिंग मिशन को कश्मीर में स्वतंत्र जांच करने दे."

भारत के इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार करने के बारे में लोधी ने कहा कि भारत बस कश्मीर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाना चाहता है और इस बहिष्कार के साथ उसने साबित कर दिया है कि वह एक अहम क्षेत्रीय संगठन का कोई सम्मान नहीं करता.

इंटरव्यू: बीनिश जावेद