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बीएसएफ जवान की मौत

५ जनवरी २०१५

भारत पाक सीमा पर चल रही गोलीबारी में एक और बीएसएफ पुलिसकर्मी की जान गयी है. पाकिस्तान की ओर से कश्मीर के साम्बा और कथुआ सेक्टर में 15 सैन्य चौकियों पर हमला किया गया.

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तस्वीर: dapd

सीमा सुरक्षा बल के आईजी डी पारेख ने बताया कि सोमवार को हमला होते ही जवान की मौत हो गयी. कश्मीर में सीमा पर पिछले छह दिनों से गोलीबारी जारी है. इलाके से 1500 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और कई खुद ही घर छोड़ कर जा चुके हैं. रविवार दिन में लोगों ने अपने खेतों में जाने की कोशिश की लेकिन दिन ढलते ही वे वापस सरकारी शिविरों में लौट आए. भारत सरकार ने पाकिस्तान पर 2014 में 550 बार युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. 2003 में दोनों देशों के बीच हुए शांति समझौते के बाद से यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. उल्लंघन का सबसे ज्यादा असर अक्टूबर में देखा गया जब हमलों में दोनों देशों के नौ नौ नागरिकों की जान गयी.

आतंकवादी या ड्रग माफिया?

वहीं अरब सागर में पाकिस्तानी नाविकों के खुद को उड़ा लेने का मामला भी तूल पकड़ रहा है. इंडियन एक्सप्रेस ने पाकिस्तान के कुछ विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है कि नाव में सवार लोग तस्कर थे. ये विशेषज्ञ देश में ड्रग्स की आवाजाही पर नजर रखते हैं. उन्होंने अपना नाम ना बताने की शर्त पर कहा है कि यह नाव दक्षिणी पाकिस्तान के बलोचिस्तान इलाके में पार्सल पहुंचाने के लिए जिम्मेदार थी और मीर याकूब बीजेंजो के लिए काम करती थी, जिसे अमेरिका ने 2009 में अंतरराष्ट्रीय तस्कर घोषित किया था.

दूसरी ओर भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने नई दिल्ली में कहा है कि नाविकों के तस्कर होने की कोई संभावना नहीं दिखती. उन्होंने कहा कि एक घंटे तक नाव का पीछा कर उसे रोका गया और इसके बाद नाविकों ने आत्मघाती हमला कर उसे उड़ा दिया, "क्योंकि उन्होंने आत्महत्या की है इसलिए मुझे लगता है कि वे संदिग्ध आतंकवादी थे. ड्रग्स ले जा रही नाव भी आत्मसमर्पण कर सकती है." परिकर ने बताया कि 12 घंटों तक नाव की निगरानी की जा रही थी. नाव ने सामान्य रास्ता नहीं लिया, इसलिए उस पर शक हुआ, "तस्कर अक्सर व्यस्त रास्ते चुनते हैं ताकि नावों की भीड़ में शामिल हो सकें." उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कोस्ट गार्ड की सतर्कता ने शायद 2008 के मुंबई जैसे हमले को होने से रोक दिया.

आईबी/एमजे (एएफपी, डीपीए)