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भारत ब्रिटेन के बीच क्रिकेट का रिश्ता भी मजबूतः कैमरन

२८ जुलाई २०१०

व्यापारिक उद्देश्य के साथ भारत की दोन की यात्रा पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के होठों पर भी सचिन तेंडुलकर का नाम आ ही गया. उन्होंने कहा आप किसी भी देश के हों लिटिल मास्टर की सेंचुरी पर आप ताली बजाएंगे ही.

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तस्वीर: AP

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी लगता है लिटिल मास्टर सचिन तेंदुलकर के दीवाने हैं. उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच सिर्फ व्यापारिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक रिश्ते और क्रिकेट के रिश्ते भी मजबूत हैं. आप किसी भी देश के हों लिटिल मास्टर सचिन तेंदुलकर के शतक पर आप ताली तो बजाएंगे ही. कैमरन के साथ ब्रिटेन के ओलंपिक चैम्पियन सेविस्टन को स्टीव रेडग्रेव और केली होम्स भी आए हैं. उधर सचिन ने श्रीलंका के साथ दूसरे टेस्ट क्रिकेट में 48 वीं सेंचुरी ठोंकी और भारत की नाव को डूबने से फिलहाल बचा रखा है.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने बैंगलोर से अपनी तीन दिन की यात्रा शुरू करते समय भारत के लिए सुरक्षा परिषद की सीट की मांग की. "अब समय आ गया है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वो सीट मिले जिसका वह अधिकारी है."

Sachin Tendulkar
तस्वीर: UNI

प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार कैमरन भारत यात्रा पर आए हैं. बंगलोर में इन्फोसिस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ये नहीं सहन किया जा सकता कि पाकिस्तान भारत अफगानिस्तान या दुनिया के किसी और हिस्से में आतंकवाद को बढ़ावा दे. कैमरन ने अफगानिस्तान में भारत के काम की भी प्रशंसा की."आप अफगानिस्तान को बहुत सहयोग दे रहे हैं इसका हम स्वागत करते हैं. नेपाल और भूटान में आपके कार्यक्रम बहुत अच्छे हैं." ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ करीब सौ सदस्यों वाला शिष्टमंडल भी आया है, जो ब्रिटेन से भारत आने वाला अब तक का सबसे बड़ा दल है. कैमरन ने कहा कि उनकी यात्रा राजनीतिक कम और व्यापारिक ज्यादा है. कैमरन ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस अभियान से पारस्परिक आर्थिक सहयोग बढे और बेरोजगारी खत्म हो. भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में 90 हज़ार से भी ज्यादा लोगों को रोजगार देती हैं. कैमरन दोनों देशों में व्यापार बढ़ने को ही अपनी यात्रा के सबसे बड़े उद्देश्य के तौर पर देखते हैं. इन्फोसिस के बाद कैमरन हिन्दुस्तान एरनॉटिक कंपनी के कार्यालय गए. ब्रिटिश एरोस्पेस कंपनी ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स के साथ 50 करोड़ पाउंड का करार किया. ब्रिटिश कंपनी 57 हॉक जेट बनाने में भारत की मदद करेगी.

रिपोर्टः नोरिस प्रीतम, नई दिल्ली

संपादनः आभा मोंढे

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