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भारत में संघीय जांच एजेंसी की मांग तेज़

१६ सितम्बर २००८

भारत में द्वितीय प्रशासकीय सुधार आयोग एआरसी ने आतंकवाद से प्रभावी तौर पर निपटने के लिये कड़े, विशद और संपूर्ण क़ानून बनाने और संघीय जांच एजेंसी बनाने का सुझाव दिया है.

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मोइली ने रखे सुझावतस्वीर: www.inewsindia.com

मंगलवार को एआरसी की आठवीं रिपोर्ट जारी करते हुए निदेशक वीरप्पा मोइली ने पत्रकारों को बताया कि आयोग ने अपनी बैठक के दौरान पाया गया कि आतंकवादी हमलों की जांच के लिये संघीय एजेंसी और एक विशद आतंकवाद विरोधी क़ानून ज़रूरी है. मोइली का कहना था कि ऐसी अदालतें बनाई जानी चाहियें जो आतंकवादी हमलों के मामले में तेज़ी से कार्रवाई करें. साथ ही आतंकवाद के लिये दी जाने वाली सहायता राशि को रोकने के लिये भी उपाय किये जाने चाहिये.

शनिवार की शाम दिल्ली में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के बाद देश में आतंरिक सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए सभी राज्यों के राज्यपालों का एक दो-दिवसीय सम्मलेन राजधानी में शुरू हो रहा है. इस सम्मलेन की अध्यक्षता राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल करेंगी और इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा उनकी सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी भाग लेंगे. सम्मलेन में आतंकवाद के अलावा वामपंथी उग्रवाद और सीमापार से हो रही घुसपैठ पर भी विचार किया जाएगा.

इसी बीच अहमदाबाद और दिल्ली में हुए विस्फोटों में समानताओं के मद्देनज़र गुजरात पुलिस की दो टीमें सोमवार को दिल्ली पहुँच गयीं ताकि वे धमाकों का मास्टर-माइंड माने जाने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ़ तौकीर को पकड़ने में मदद कर सके. तौकीर ने इंडियन मुजाहिदीन के नाम से दो बार वाई-फाई नेटवर्क को हैक करके मुंबई से ई-मेल भेजा था. लेकिन सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ विजय मुखी का कहना है कि इस सुराग के सहारे उसे पकड़ना नितांत असंभव है.

तौकीर के अलावा पुलिस कयामुद्दीन कपाडिया को भी ढूंढ रही है जो अहमदाबाद में धमाके होने के एक माह पहले वहां रहा था और जिसने केरल और गुजरात में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों में भी भाग लिया था. आलम, अफरीदी, रकीब और मुजीब नामक चार व्यक्तियों की भी पुलिस को तलाश है. ये सभी सिमी के कार्यकर्ता हैं. इसी बीच दिल्ली पुलिस की एक टीम अहमदाबाद पहुँच गयी है. ख़बर है कि मुफ्ती अबू बशीर को वहां से दिल्ली लाया जा रहा है ताकि यहाँ उससे पूछताछ की जा सके.

इसी बीच आतंकवाद के खिलाफ कड़े क़ानून बनाने की एक बार फिर वकालत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने सरकार से सहयोग करने की पेशकश की है और कहा है कि यदि वह आतंकवाद की चुनौती का प्रमाणिक ढंग से सामना करने के लिए सख्त कदम उठाती है तो बीजेपी उसका समर्थन करेगी. उधर केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने सोमवार की शाम कहा कि केन्द्र सरकार को पता था कि दिल्ली में आतंकवादी कार्रवाई होगी लेकिन यह मालूम नहीं था कि कब, कहाँ और कैसे होगी.

कुलदीप कुमार, नयी दिल्ली