1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मंथन 126 में खास

२६ मार्च २०१५

गुरुत्व बल को चुनौती देते हुए पौधे हमेशा ऊपर की ही ओर क्यों बढ़ते हैं. हाथ से बने विमान के जरिए छुएंगे आकाश की ऊंचाइयों को और साथ में जानेंगे कि कैसे पहली ही बार में मोनार्क तितली 4,000 किलोमीटर की यात्रा कर लेती है.

https://p.dw.com/p/1ExyE
तस्वीर: Fotolia/weerapat1003

आकाश में आजाद होकर उड़ना, इंसान के ये ख्वाब सदियों से देख रहा है. हवाई जहाजों का हम यात्रा के लिए तो इस्तेमाल करते हैं लेकिन इनमें आकाश में उन्मुक्त उड़ान भरने का आनंद नहीं मिलता. एक जर्मन एयरोनॉटिकल इंजीनियर, कारपेंटरों और तमाम कारीगरों की मदद से हवा में गोते लगाने का ये सपना पूरा करते हैं. वो हाथ से ऐसा ग्लाइडर बनाते हैं जो आकाश में बिना इंजन के उड़ान भरता है.

दुनिया भर के तकनीकी विशेषज्ञ एक बात पर सहमत है कि रोशनी यानी लाइट का डिजिटलाइजेशन नई क्रांति है. डिजिटल होती रोशनी वक्त के साथ किफायती भी होती जा रही है. लाइट के इस्तेमाल, छाया से उसका रिश्ता और रोशनी पर नियंत्रण, भविष्य का ऐसा प्रकाश हमारा इंतजार कर रहा है.

06.01.2015 DW Made in Germany Fliegen
अपने हैंडमेड ग्लाइडर के साथ आक्सेल लांगेतस्वीर: DW

क्षितिजाकार पौधे

पौधे गुरुत्व बल से लड़ते हुए हमेशा ऊपर की ओर ही क्यों विकास करते हैं. इसका जबाव छुपा है पौधे के भीतर होने वाली रासायनिक क्रिया में, असल में पौधे गुरुत्व बल का आभास पाते हैं. उनकी कोशिकाओं के भीतर पत्थर जैसे दिखते भारी कण नीचे गिरते हैं और जड़ें गहरी होती जाती है. इसके चलते प्रतिक्रिया भी होती है और पेड़ ऊपर की तरफ बढ़ने लगते हैं. लेकिन क्या पेड़ों को ऊपर के बजाए क्षितिजाकार दिशा में बढ़ाया जा सकता है. जर्मनी के स्टुटगार्ट शहर की एक वैज्ञानिक ऐसा करके दिखा चुकी हैं. वो शहरों के लिए क्षितिजाकार दिशा में विकास करने वाले पौधों उगा रही हैं.

मोनार्क तितलियां

उत्तर अमेरिकी महाद्वीप के बड़े इलाके में मोनार्क तितलियां पायी जाती हैं. नारंगी पंखों और उन पर काले धब्बों की वजह से इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है. लेकिन इन तितलियों की अनोखी जिंदगी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ये तितलियां पहली ही बार में बिना किसी की मदद के हजारों किलोमीटर उड़कर उस जगह पहुंच जाती हैं, जहां इनके पुरखे जाते रहे. लेकिन जंगल की कटाई से अब ये खतरे की जद में हैं.

आरनॉल्ड आनेन दुनिया के उन चुनिंदा कलाकारों में से हैं जो पोर्सेलान की अद्भुत कारीगरी करते हैं. इस स्विस कलाकार को पोर्सेलान के कागज के बराबर पतले नमूने बनाने में महारथ है. आनेन को इस काम की प्रेरणा अपने देश के ग्लेशियरों से मिली.

ओएसजे/आईबी