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मध्य अफ्रीका में नरसंहार का खतरा

Anwar Jamal Ashraf१७ जनवरी २०१४

अफ्रीकी महाद्वीप का मध्य अफ्रीकी गणराज्य जातीय हिंसा में डूबा हुआ है और संयुक्त राष्ट्र ने खतरा जताया है कि देश में नरसंहार की आशंका बढ़ रही है. यहां संसदीय चुनाव होने वाले हैं, जिससे हिंसा और बढ़ गई है.

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तस्वीर: Eric Feferberg/AFP/Getty Images

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्रवाइयों के निदेशक जॉन गिंग का कहना है कि हिंसा में वे सारे तत्व नजर आ रहे हैं, जो कभी रवांडा और बोस्निया में दिखते थे, ये तत्व नरसंहार के हैं. "इस बात में कोई सवाल ही पैदा नहीं होता." गिंग ने कहा, "लगातार जुल्म ढाए जा रहे हैं. आप जहां भी जाएं, वहां लोगों में खौफ का माहौल है."

पिछले साल सत्तापलट के बाद से मध्य अफ्रीकी गणराज्य (सीएआर) बुरी तरह तप रहा है. उस तख्ता पलट में मुस्लिम सेलेका विद्रोहियों ने राष्ट्रपति फ्रांको बोजीजे को उखाड़ फेंका. इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय शक्तियां वहां शांति बहाल करने की कोशिश कर रही हैं.

अफ्रीकी सेना तैनात

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का कहना है कि उनके देश ने रवांडा की बटालियन को सीएआर पहुंचाना शुरू कर दिया है. वे अफ्रीकी संघ के मिशन के साथ मिल कर तैनात किए जाएंगे. इस मिशन में कैमरून, कांगो गणराज्य, डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, गाबोन, चाड और इक्वाटोरियल गिनी के सैनिक शामिल हैं. इस मिशन के अलावा सीएआर में 1600 फ्रांसीसी सैनिक भी तैनात हैं.

बानगुई शहर में फ्रांसीसी सेना गश्त लगा रही है, जहां पूर्व मुस्लिम विद्रोहियों और ईसाई बहुमत के बीच भारी तनाव चल रहा है. तख्ता पलट के बाद से देश के आम नागिरक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर गरीब हैं. शहर के कुछ लोगों का कहना है कि फ्रांसीसी सैनिकों ने तलाशी के दौरान लोगों को गोली मार दी. एक युवक ने खर्च हुई गोलियां दिखाते हुए कहा, "उन्होंने तीन लोगों को यहां मार दिया." फ्रांसीसी सेना ने माना है कि कुछ विवाद हुआ था लेकिन तीन मौतों की जिम्मेदारी से इनकार किया है.

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तस्वीर: picture-alliance/AP

भाग रही आबादी

हिंसा बढ़ने के साथ मुस्लिम आबादी देश छोड़ कर भाग रही है. कई लोग पड़ोसी देश चाड पहुंच रहे हैं. लेकिन सबके लिए जाने का साधन नहीं मिल रहा है. कुछ महिलाएं छोटे बच्चों के साथ किसी तरह चाड जा रही गाड़ियों में सवार होना चाहती हैं. चाड में मुस्लिमों के खिलाफ "एंटी बालाका" नाम का संगठन बना है, जो हिंसक गतिविधियों में लिप्त है. छह बच्चों के साथ किसी तरह चाड पहुंची विधवा सादू गांबो का कहना है, "यहां हमारी हत्या की जा रही है." चाड में उसकी जान पहचान का कोई नहीं है.

सीएआर का प्रशासन संभाल रही अंतरिम परिषद ने कहा है कि सोमवार को चुनाव कराए जाएंगे. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मेरी हार्फ ने परिषद से काफी उम्मीद जताई है, "परिषद के पास ऐतिहासिक मौका है कि वह देश को स्थिरता, लोकतंत्र और विकास के रास्ते पर ले जाए. हम परिषद को प्रोत्साहित करते हैं वह इस मौके का फायदा उठाए. ऐसे लोगों को चुना जाए, जो मध्य अफ्रीकी गणराज्य में स्थिरता ला सकें."

टूटा हुआ देश

हालांकि संयुक्त राष्ट्र के गिंग का कहना है, "राजनीतिक तौर पर देश टूट चुका है. सार्वजनिक सेवा भी खत्म हो चुकी है, चाहे वह मेडिकल हो, शिक्षा या सामाजिक सेवा." उनका कहना है कि दो ऐसे समुदायों में भिड़ंत हो गई है, जो लंबे वक्त से एक साथ रह रहे थे, "यह संघर्ष बेहद हिंसक लोगों ने शुरू किया, जिनका एजेंडा है कि वे इसे एक अंतर सामुदायिक संघर्ष में बदल दें."

करीब 46 लाख की आबादी वाले देश का पांचवां हिस्सा विस्थापित हो गया है या भाग खड़ा हुआ है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि उन्हें हत्या, बलात्कार या लूट का डर सता रहा है. राजधानी बानगुई में करीब एक लाख लोग एयरपोर्ट के पास लगे तंबुओं में रह रहे हैं, जिनकी सुरक्षा का जिम्मा फ्रांसीसी सैनिकों और अफ्रीकी संघ की टुकड़ी पर है. अफ्रीकी संघ ने मांग की है कि उनके सैनिकों की संख्या 4500 से बढ़ा कर 6000 की जाए.

राहत एजेंसियों ने मानवीय त्रासदी का खतरा जताया है. वे खाने का प्रबंध कर रहे हैं, बुरी तरह भरे अस्पतालों में काम कर रहे हैं और बच्चों को टीका देने का काम कर रहे हैं.

एजेए/एमजे (एएफपी)

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