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मर गया अमेरिका और फ्रांस की दोस्ती का प्रतीक

१० जून २०१९

फ्रांस और अमेरिका के बीच दोस्ती की मिसाल पेश करने वाले पेड़ ने दम तोड़ दिया है. अमेरिकी दौरे पर फ्रांस और अमेरिका के राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में एक बलूत का पेड़ बोया था जो अब मर गया है.

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Washington Weißes Haus Eiche Geschenk Macron
तस्वीर: Getty Images/C. Somodevilla

साल 2018 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक बलूत का पेड़ बोया था. इस पेड़ को दोनों देशों के बीच कायम दोस्ती की मिसाल के रूप के लगाया गया था.  लेकिन यूरोपीय बलूत को व्हाइट हाउस रास नहीं आया और इसने दम तोड़ दिया. बलूत याओक का पौधा प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उत्तरी फ्रांस  में बेल्यु वुड युद्ध की याद दिलाता है.  साल 1918 में इस युद्ध के दौरान जर्मन सेना का मुकाबला करते हुए करीब दो हजार अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई थी. ओक उसी बेल्यु की धरती पर उगा था.

जब यह पेड़ अपनी जगह से गायब हुआ तो अमेरिकी मीडिया ने इस पर तुरंत ध्यान दिया. बाद में पता चला कि इसे अलग से रखा गया है, ताकि यह पता चल सके कि कोई भी यूरोपीय कीट या इंफेक्शन तो नहीं है. जांच का समय 40 दिन का था. अमेरिका में आयातित किसी भी जीवित जीव के लिए यह प्रक्रिया अनिवार्य है.

Macron und Trump pflanzen Baum
तस्वीर: AFP/Getty Images/J. Watson

अब फ्रांस की मीडिया ने बताया है कि यह पेड़ उस वक्त मरा जब यह जांच की अवधि में था. यह भी सामने आया कि पौधे को व्हाइट हाउस में भेजने से पहले दो साल तक अमेरिकी संरक्षण में रखने का इरादा था. हालांकि अब दोस्ती की मिसाल बने पेड़ की मौत को फ्रांस की मीडिया यूरोप और अमेरिका के बिगड़ते संबंधों को बयान करने के लिए इस्तेमाल कर रही है. हाल में जब द्विवतीय विश्वयुद्ध से जुडे़ डी-डे की 75वीं सालगिरह पर दोनों साथ आए, तो उस वक्त माक्रों ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सामंजस्य  की बात कही, जो ट्रंप की विचारधारा से बिल्कुल उलट थी. 

रिपोर्ट: एलिस्टेयर वाल्श/एए

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अरे ये असली नहीं, उनके हमशक्ल हैं