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'मसूद अज़हर और ज़कीर लखवी को पकड़ना नाक़ाफ़ी'

९ दिसम्बर २००८

भारत ने कहा है कि मसूद अज़हर और ज़कीउर रहमान लखवी को हिरासत में लेने के अलावा पाकिस्तान को और भी ठोस क़दम उठाने होंगें. इनमें आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप को बंद करने और 20 आतंकवादियों को भारत को सौंपना शामिल है.

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जैश ए मोहम्मद का सरग़ना मसूद अज़हरतस्वीर: picture-alliance / dpa

भारत ने कहा है कि जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अज़हर और लश्कर ए तैयबा के कमांडर ज़कीउर रहमान लखवी को हिरासत में लेने भर से ही आतंकवाद के ख़िलाफ़ कार्रवाई पूरी नही हो जाती और भारत अभी इस कार्रवाई से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है. भारत के अनुसार उसकी मांगो के सामने ये कार्रवाई बहुत थोड़ी है और पाकिस्तान के अगले क़दमों पर देश की नज़र रहेगी.

Zaki ur Rehman Lakhwi
मुंबई हमलों का 'मास्टरमाइंड' ज़कीउर रहमान लखवीतस्वीर: AP

मुंबई में आतंकवादी हमलों का मामला संयुक्त राष्ट्र में भी उठा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बहस में हिस्सा लेते हुए भारत के विदेश राज्य मंत्रि ई अहमद ने जमात उद दवा संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है. जमात उद दवा लश्कर ए तैयबा से जुड़ी संस्था बताई जाती है. विदेश राज्य मंत्रि ई अहमद ने कहा कि ऐसे संगठनों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रभावी प्रतिंबंध लगाने चाहिए.

भारत की मांग है कि आतंकवादी शिविरों को बंद करने के साथ-साथ उन 20 आतंकवादियों को भी पाकिस्तान को सौंपना चाहिए जिनकी सूची भारत ने पाकिस्तान को सौंपी है. लेकिन पाकिस्तान ने उन्हें भारत को सौंपने से इंकार किया है और कहा है कि संदिग्ध आतंकवादियों पर पाकिस्तान में ही मुक़दमा चलाया जाएगा. वहीं भारत का कहना है कि मसूद अज़हर को पाकिस्तान में पहले भी दो बार हिरासत में लिया जा चुका है लेकिन उसके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नही की गई.

1999 में हाइजैक किए गए इंडियन एयरलाइंस के विमान यात्रियों को छुड़ाने के बदले मसूद अज़हर को रिहा कर दिया गया था. उसके बाद 2001 में भारतीय संसद में हुए हमले के बाद पाकिस्तान में अज़हर को हिरासत में लिया गया लेकिन लाहौर हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद उसे बरी कर दिया गया. 2003 में पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ पर आत्मघाती हमले के बाद अज़हर को हिरासत में लिया गया लेकिन कुछ दिनों बाद वह फिर रिहा हो गया था.