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महिला आरक्षण बिल पर सर्वदलीय बैठक बेनतीजा

५ अप्रैल २०१०

संसद और राज्य विधानसभाओं में 33 फ़ीसदी महिला आरक्षण के मुद्दे पर गतिरोध नहीं टूट पाया है. इस मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आम सहमति नहीं बन पाई. केंद्र सरकार लोकसभा में इस बिल को 15 अप्रैल को पेश करना चाहती है.

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विपक्ष के रुख़ में बदलाव नहींतस्वीर: UNI

बजट सत्र के दूसरे चरण में यूपीए सरकार महिला आरक्षण बिल को पेश करना चाहती है लेकिन इस पर सहमति बना पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. राज्यसभा में भारी हंगामे के बाद ही बिल पास हुआ था और विरोध कर रहे सांसदों को मार्शलों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था.

Pranab Mukherjee Finanzminister Indien
तस्वीर: AP

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव उपस्थित थे. दोनों नेता बिल के मौजूदा स्वरूप में पास होने का विरोध कर रहे हैं और चाहते हैं कि इसमें पिछड़े वर्ग और मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए.

बैठक में हिस्सा लेने वाले अन्य नेताओं में लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, एनडीए संयोजक शरद यादव, सीपीएम नेता बासुदेब अचारिया, सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता, टीडीपी के नागेश्वर राव, डीएमके नेता टीआर बालू सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल थे.

समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल का कहना है कि वे महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के ख़िलाफ़ नहीं हैं लेकिन मुस्लिम और पिछड़े वर्ग की महिलाओं की भी आरक्षण में भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं.

राज्य सभा में महिला आरक्षण विधेयक को मंज़ूरी मिल चुकी है लेकिन लोक सभा में उसे अब भी कई अड़चनों का सामना करना पड रहा है. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 11 मार्च को संसद में कहा था कि सरकार विधेयक को लोक सभा में पेश करने से पहले सभी पार्टियों से बात करेगी.

मार्च में जब बिल को पेश किया गया था तो लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह सहित कई नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई थी औऱ कहा था कि इससे पिछड़े वर्गों की महिलाओं को नुकसान हो सकता है. विधेयक के विरोधी सरकार से पिछड़े वर्गों की महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं को इस विधेयक के तहत अतिरिक्त कोटा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: प्रिया एसेलबोर्न