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मिलान की मस्ती पर कंगाली का ग्रहण

२८ नवम्बर २०१२

फुटबॉल से ज्यादा विलासिता के लिए मशहूर इटली के दिग्गज फुटबॉल क्लब एसी मिलान की हालत खस्ता हुई. बैर्लुस्कोनी का क्लब कई खिलाड़ियों को बेचना चाहता है, बंपर बिक्री से जो पैसा मिलेगा उससे कुछ नए खिलाड़ियों की खरीदारी होगी.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

रंगीले मिजाज के लिए मशहूर इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी एसी मिलान के मालिक हैं. इटली के आर्थिक संकट की मार बैर्लुस्कोनी के क्लब पर भी पड़ी है. क्लब के सीईओ अड्रिआनो गालिआनी के मुताबिक जनवरी में नए साल के आगाज के साथ वे बाजार में जाएंगे, "हमारे पास 23-30 खिलाड़ी हैं. पहले हमें उन्हें बेचना होगा तभी हम खरीदारी कर पाएंगे."

सात बार यूरोपियन चैंपियन रह चुके एसी मिलान से कुछ फुटबॉलर नाता तोड़ना भी चाहते हैं. एसी मिलान इस साल भी चैंपियंस लीग के अंतिम 16 में जगह बना चुका है. 2012 का फुटबॉल सत्र खत्म होते ही क्लब बदले रूप में दिखने की तैयारी कर रहा है. गालिआनी कहते हैं, "हमारे पास कुछ खिलाड़ी हैं जो जाना चाहते हैं, ऐसे खिलाड़ियों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. कुछ अन्य हैं जिन्हें बेचा जा चुका है लेकिन वे प्रस्ताव स्वीकार ही नहीं कर रहे हैं, वे मिलान के साथ बने रहना चाहते हैं."

इस सत्र में मिलान को ज्लाटन इब्राहिमोविच और थिआगो सिल्वा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से हाथ धोना पड़ा. दोनों पैरिस सैंट जेरमैन चले गए. गालिआनी के संकेतों से लग रहा है कि अभी खिलाड़ियों का एक और बड़ा जत्था मिलान से निकलेगा.

Flash-Galerie Silvio Berlusconi
सिल्वियो बैर्लुस्कोनीतस्वीर: AP

लंबे वक्त तक बैर्लुस्कोनी की छाप एसी मिलान पर दिखी. क्लब बिंदास रवैये और मौज मस्ती के लिए मशहूर रहा है. पुराने दिनों को याद करते हुए गालिआनी कहते हैं, "मैं अध्यक्ष बैर्लुस्कोनी को शुक्रिया कहना चाहता हूं क्योंकि उनकी वजह से बीते 26 साल से मिलान को खाने के लिए कावियर और पीने के लिए शैंपेन मिलती रही है."

हालांकि आर्थिक मंदी ने इटली की तरह क्लब की भी हालत खस्ता कर दी है. सीईओ कहते हैं, "इन दिनों हमें भले ही हर दिन शैंपेन न मिले लेकिन कभी कभार हम यह पी ही लेते हैं." कावियर खास तकनीक से निकाले और संभाले गए मछली के अंडे हैं, जो बहुत महंगे होते हैं.

खर्चे कम करने की कोशिश कर रहे गालिआनी कहते हैं, "इब्राहिमोविच को बेचने से मुझे बहुत नुकसान हुआ लेकिन देश की आर्थिक दशा ही ऐसी है तो क्या किया जाए. इब्रा एक महान खिलाड़ी था, वह एक विलासिता की तरह था जिसका बोझ अब हम नहीं उठा सकते."

ओएसजे/एनआर (एएफपी)

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