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मिस्र की जेलों में बुरे हाल से जूझते लाखों कैदी

२५ जनवरी २०२१

मिस्र में अरब वसंत की क्रांति के 10 साल बाद भी जेलों में हजारों लोग बुरे हाल में फंसे हुए हैं. क्षमता से ज्यादा भीड़ वाली जेलों में लोग अमानवीय स्थिति में महीनों या सालों से रह रहे हैं.

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Ägypten Muslim Brotherhood Gefängnis Coronavirus
तस्वीर: Amr Nabil/AP Photo/picture alliance

दुनिया में मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अरब वसंत के 10 साल बीतने पर मिस्र के जेलों की दुर्दशा को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कैदियों को अस्वास्थ्यकर खाना दिया जाता है और उन्हें ऐसे अंधेरे कमरों में रखा गया है जिसमें ठीक से ताजी हवा भी नहीं आती जाती. इन कमरों की साफ सफाई का भी बुरा हाल है, ना तो पर्याप्त शौचालय हैं और ना पानी.

एमनेस्टी का आरोप है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण कैदी अनावश्यक रूप से तकलीफें झेल रहे हैं और कई कैदियों की इन्हीं वजहों से मौत भी हुई है. इन कैदियों को इनके परिजनों से मिलने भी नहीं दिया जाता या फिर बहुत कम मुलाकात कराई जाती है. रिपोर्ट में तो यह भी कहा गया है कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए कोई ठोस और सबके लिए एकसमान नीति भी नहीं अपनाई गई है.

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काहिरा की कुख्यात तोराह जेल.तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/H. Ammar

दर्जनों लोगों के अनुभव

अपनी रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 67 लोगों के अनुभवों का दस्तावेज पेश किया है. इनमें से 10 लोगों की तो हिरासत में ही मौत हो गई, जबकि दो लोग 2019 और 2020 में रिहाई के तुरंत बाद मौत के शिकार हुए. इस रिपोर्ट के लिए फरवरी 2020 से नवंबर 2020 के बीच की गई रिसर्च में मिस्र की 16 जेलों में कैदियों की स्थिति पर नजर डाली गई है.

एमनेस्टी के महासचिव मार्कुस बीको के मुताबिक संस्था के पास इस बात के सबूत हैं कि जेल अधिकारियों ने "सरकार के आलोचकों को निशाना बनाया और उन्हें पर्याप्त भोजन या उनके परिजनों से मुलाकात की सुविधा" नहीं दी गई. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि मिस्र की जेलों में करीब 114,000 लोग बंद हैं. सरकार कैदियों की खराब स्थिति और उत्पीड़न की खबरों से इनकार करती है. सरकारी समाचार एजेंसी अल अहराम ने इन खबरों को "नकारात्मक अफवाह" करार दिया है.

Symbolbild Gefängnis
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Abed

मिस्र सरकार की पीआर की कोशिश

पिछले हफ्ते मिस्र के गृह मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में काहिरा की कुख्यात तोराह जेल में कैदियों का आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं से इलाज होते दिखाया गया. इसके साथ ही कैदी वहां जेल के भीतर पढ़ते, पेंटिंग करते या फिर बेकिंग करते नजर आए.

2011 की अरब क्रांति के नतीजे में मिस्र से तानाशाह होस्नी मुबारक की विदाई हो गई. हालांकि उसके बाद से देश अनिश्चितता और अव्यवस्थाओं में घिरा है. स्थिर सरकार नहीं बनने और बार बार चुनाव के कारण देश में पर्यटन से लेकर तमाम दूसरे उद्योग धंधे और अर्थव्यवस्था बुरे हाल में पहुंच गई है. पिरामिडों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात देश अकसर आतंकवादी हमलों, राजनीतिक उठापटक और विरोध प्रदर्शनों के कारण खबरों में रहता है.

एनआर/एमजे (डीपीए)

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