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मैर्केल ने चेताया, अमेरिका जैसे पार्टनर शायद हमेशा ना रहें

१३ जनवरी २०१७

जर्मन चांसलर ने कहा है कि यूरोपीय संघ को अमेरिका जैसे पार्टनर से भी हमेशा सहयोग मिलने का भरोसा नहीं रखना चाहिए. ट्रांसएटलांटिक डील को लेकर नव निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की प्रतिबद्धता पर संदेह व्याप्त है.

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Ehrendoktortitel Angela Merkel Brüssel
तस्वीर: Reuters/Y.Herman

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि यूरोपीय संघ को अमेरिका जैसे पार्टनर से भी हमेशा सहयोग जारी रहने का भरोसा नहीं रखना चाहिए. अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ईयू को लेकर प्रतिबद्धताओं पर संदेह जताने से यूरोप भर में चिंता व्याप्त है.

गुरुवार को बेल्जियम पहुंचीं मैर्केल की शरणार्थी नीति के खिलाफ करीब 50 अतिदक्षिणपंथी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया. मैर्केल ने ब्रिटेन के साथ ब्रेक्जिट को लेकर होने वाली वार्ताओं में भी यूरोपीय देशों के एकजुटता दिखाने को बेहद महत्वपूर्ण बताया. वे इस साल चौथी बार जर्मनी के चांसलर पद के लिए चुनाव लड़ने वाली हैं. यूरोप के द्वार सीरियाई शरणार्थियों के लिए खोल देने की उनकी नीति को यूरोपीय देशों में ही कई लोग नापंसद करते हैं. मैर्केल ने कहा, "कुछ पारंपरिक पार्टनरों के लिहाज से देखा जाए या ट्रांस अटलांटिक संबंधों की बात करें तो यूरोपीय देशों के साथ सहयोग के लिए किसी की ओर से कोई अनन्त गारंटी नहीं मिली है."

ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने पर मैर्केल ने कहा, "हमें इस फैसले के कारण और भी ज्यादा साथ आने और (लक्ष्य पाने के लिए) ज्यादा मिल कर काम करने को प्रेरित होना चाहिए. पहले से भी कहीं ज्यादा अब यूरोप को एकजुट रहने की, यूरोप को बेहतर बनाने की और इसके सभी नागरिकों को करीब लाने की जरूरत है."

बुधवार से ही ईयू की अध्यक्षता माल्टा ने संभाली है. यूरोपीय संघ की अध्यक्षता हर छह महीने में एक अलग यूरोपीय देश को सौंपी जाती है. माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट का मानना है कि अगर यूरोपीय देशों में दरार होगी तो उसका फायदा ब्रिटेन ईयू से अलग होने की वार्ता के दौरान उठा सकता है. ऐसा होने का संदेह जताते हुए मस्कट ने कहा, "ऐसा कम ही हुआ है कि किसी भी विषय पर चर्चा में सभी 27 देश एक जैसा सोचते हों."

जर्मन चांसलर ने यूरोपीय संघ के सभी देशों से सुरक्षा और रक्षा सहयोग के मामले में और एकजुटता दिखाने की अपील की क्योंकि अमेरिका जैसे देशों के साथ भी संबंधों में "अनन्तकाल तक की कोई गारंटी" नहीं है. मैर्केल ने डॉनल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा समझा जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे ट्रंप के चुनावी अभियान के दौरान कही गई बातों के कारण यूरोप में चिंता है. प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप ने कहा था कि किसी नाटो देश की मदद करने से पहले देखा जाना चाहिए कि नाटो गठबंधन में उस देश का कितना सहयोग है.

नवंबर में मैर्केल कह चुकी हैं कि जर्मनी को नाटो के रक्षा बजट में सहयोग बढ़ाने की जरूरत है. नाटो चाहता है कि यह किसी देश के जीडीपी का कम से कम दो फीसदी होना चाहिए. अभी जर्मनी भी इस लक्ष्य को छूने से दूर है और इस बारे में मैर्केल ने किसी योजना के बारे में भी नहीं बताया है. पिछले सात दशकों से यूरोपीय संघ अपनी सुरक्षा के लिए काफी हद तक अमेरिका पर भरोसा करता आया है. दिसंबर में पहली बार ईयू के देशों ने अपना खुद का रक्षा बजट बढ़ाने पर सहमति बनाई है.

आरपी/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)