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मोदी के चीन दौरे से उम्मीदें

महेश झा१३ मई २०१५

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिनों की चीन यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों के और गहरा होने की उम्मीद जताई है. लेकिन भारतीय मीडिया में अलग अलग उम्मीदें व्यक्त की जा रही है.

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Indischer Premierminister Narendra Modi
तस्वीर: Reuters/M. Blinch

नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार चीन के दौरे को कितना महत्व दे रहे हैं, यह इस बात से पता चलता है कि यात्रा से ठीक पहले भारतीय प्रधानमंत्री ने चीनी सोशल मीडिया साइट वाइबो पर अपना अकाउंट खोला है और चीन की युवा आबादी के साथ देश की सरकारी साम्यवादी मीडिया के बिना संपर्क चाहते हैं. इसके अलावा उन्होंने चीन दौरे से पहले उनके लिए अहम मुद्दों पर चीनी मीडिया के साथ भी बातचीत की है.

भारत के प्रमुख दैनिक इकॉनॉमिक टाइम्स में वरिष्ठ पत्रकार सीमा सिरोही ने लिखा है, “ प्रधानमंत्री को देखना होगा कि वे भारतीय अर्थव्यवस्था पर चीनी दबाव की अनुमति दिए बिना वहां से अरबों कैसे आकर्षित करते हैं. उन्हें ऐसा करते हुए इलाके में भारत का रणनैतिक प्रभाव भी बनाए रखना होगा.“

दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया में बीजेपी सांसद और समीक्षक तरुण विजय ने लिखा है, “ हम बढ़ते कारोबार और द्विपीक्षीय रिश्तों के बारे में जो कहें, तथ्य है कि एक दूसरे के लिए अविश्वसनीयता का स्तर काफी ऊंचा है जो जटिल वीजा प्रक्रिया में भी दिखता है.“

यह अविश्वसनीयता चीनी अखबारों की टिप्पणियों में भी दिखती है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक समीक्षक ने लिखा है कि मोदी सीमा विवाद और सुरक्षा के मामलों में छोटी छोटी चालबाजियां कर रहे हैं. समीक्षक का कहना है कि पिछले साल मोदी के कूटनीतिक कदमों ने दिखाया है कि वे दूरद्रष्टा होने के बदले व्यवहारिक हैं.