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मोदी को और दस दिन का वक्त मिला

१९ मई २०१०

आईपीएल के निलंबित कमिश्नर ललित मोदी को बीसीसाई की ओर से थोड़ी राहत मिली है. बीसीसीआई ने "विश्व क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियों" के सिलसिले में जारी कारण बताओ नोटिस जबाव देने के लिए मोदी और दस दिन का समय दिया है.

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मुश्किलों से घिरे मोदीतस्वीर: AP

मोदी को इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के मुखिया गिल्स क्लार्क के ईमेल के आधार पर 6 मई को यह कारण बताओ नोटिस दिया गया. मोदी अब इस दूसरे कारण बताओ नोटिस का जवाब 31 मई तक दे सकते हैं. इससे पहले आईपीएल में वित्तीय धांधलियों के संबंध में भी मोदी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है जिसका 15 हजार पन्नों का जवाब मोदी ने शनिवार को सौंप दिया.

मोदी के कानूनी सलाहकार महमूद अब्दी के मुताबिक उन्होंने दूसरे नोटिस का जबाव देने के लिए बोर्ड से कुछ अतिरिक्त समय मांगा था. उन्होंने बताया कि बोर्ड ने इस आग्रह को मान लिया है और ईमेल के जरिए मोदी और बीसीसीआई के सचिव एन श्रीनिवासन को इसकी जानकारी दी है.

Die Cheerleader des indischen Cricketteam Royal Challengers
क्रिकेट का कारोबार करने का आरोपतस्वीर: Fotoagentur UNI

क्लार्क ने अपने ईमेल में मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिन्हें बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट, इंग्लिश क्रिकेट और समूचे तौर पर विश्व क्रिकेट के लिए नुकसानदेह पाया. इस बारे में जारी नोटिस का जबाव देने के लिए पहले मोदी को 21 मई तक का समय दिया गया था, लेकिन अब बोर्ड ने इसके लिए दस दिन का समय और दे दिया है.

नोटिस में 31 मार्च को दिल्ली में इंग्लिश काउंटी यॉर्कशायर, लांसशायर और वार्कविकशायर के प्रतिनिधियों से ललित मोदी की मुलाकात का जिक्र है. बताते हैं कि इस मुलाकात में ललित मोदी ने इंग्लैंड और वेल्स में समानांतर आईपीएल बनाने की बात कही जिसके तहत आईपीएल की आठ फ्रैंचाइजी ब्रिटेन में नौ टीमों के लिए बोली लगाएंगी.

नोटिस के मुताबिक, "आपने कथित रूप से इस बारे में व्यावसायिक नजरिए से बात की. साथ ही यह भी कहा कि आईपीएल इस बात की गांरटी लेगा कि हर काउंटी को सालाना कम से कम तीस से पचास लाख डॉलर मिलें और मैच कराने के लिए 15 लाख डॉलर अलग से दिए जाएंगे. आपने कथित तौर पर एक डील रखी जिसमें आमदनी को फ्रैंचाइजी और काउंटी के बीच 80 और 20 के अनुपात में बांटा जाएगा. यही नहीं, अपनी योजना के लिए समर्थन जुटाने के लिए आपने कथित तौर पर लोगों को लालच देने की बात भी कही, भले ही इसके लिए उन्हें अपनी क्रिकेट संस्थाओं की अनदेखी करनी पड़े. अगर कोई बोर्ड अपने खिलाड़ियों को आईपीएल के इस विस्तारित संस्करण में नहीं खेलने देता है तो इस स्थिति में आप कथित तौर से उनमें बगावत के बीज बो रहे हैं."

नोटिस में श्रीनिवासन ने कहा, "इस तरह न सिर्फ बीसीसीआई बल्कि ईसीबी को भी खुली चुनौती दी गई. इसका मतलब तो यह होगा कि आईपीएल पूरी तरह फ्रैंचाइजी के हाथों में चला जाएगा और राष्ट्रीय बोर्ड बेबस खामोश तमाशाई बन जाएंगे."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़