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मोदी ने किया विवादित मंत्री का बचाव

४ दिसम्बर २०१४

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को बर्खास्त करने की जोरदार मांग को ठुकरा दिया है. पिछले तीन दिनों से संसद में मंत्री के विवादास्पद बयान पर हंगामा हो रहा है. मंत्री की माफी से विपक्ष असंतुष्ट.

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तस्वीर: UNI

भारत की केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान पर विपक्ष राज्यसभा में कामकाज नहीं चलने दे रहा है. पिछले दिनों दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की एक सभा को संबोधित करते हुए साध्वी ने विपक्ष के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था. नरेंद्र मोदी की सरकार में साध्वी निरंजन ज्योति खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री हैं. साध्वी ने अपने उस बयान पर माफी भी मांग ली है जिसे हिंदू बहुसंख्यक राष्ट्र में अल्पसंख्यकों पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन विपक्ष लगातार साध्वी की बर्खास्तगी की मांग पर अड़ा है. गुरुवार को मोदी ने साध्वी के बयान के बाद पैदा हुए हालात को नियंत्रण में करने की कोशिश करते हुए सांसदों से मंत्री की माफी को स्वीकार करने का आग्रह किया.

मंत्री के बयान को शर्मनाक बताते हुए विपक्ष उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहा है जिसके चलते सोमवार से अब तक राज्यसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो सका है और पिछले दो दिन से सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया. विपक्ष इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में आकर बयान देने की मांग कर रहा था.

गुरुवार सुबह कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अपनी मांग दोहराई तो सदन में मौजूद मोदी ने कहा कि उन्हें जैसे ही मंत्री के बयान की जानकारी मिली उसी दिन उन्होंने सांसदों की बैठक में इस प्रकार की भाषा को अस्वीकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि चुनाव की गर्मागर्मी में भी हमें इस प्रकार के बयान से बचना चाहिए. मोदी ने सदन में कहा, "मंत्री नई हैं. सदन में पहली बार आई हैं और उन्होंने क्षमा भी मांग ली है. इसलिए अब इस मामले को समाप्त किया जाना चाहिए."

उन्होंने राष्ट्रहित में सदन के कामकाज को आगे बढ़ाने की भी अपील की. विपक्ष प्रधानमंत्री की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और कांग्रेस के नेतृत्व में अन्य दलों के सदस्यों ने जम कर हंगामा जारी रखा.

सवालों में बीजेपी

बीजेपी पर इस साल के लोकसभा चुनाव में धर्म के आधार पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश के आरोप भी लग चुके हैं. बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह पर भी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में लोकसभा चुनाव के दौरान जहरीले भाषण देने का आरोप है. पिछले साल ही यहां हिंदू मुस्लिम दंगा भी हो चुका है.

मई में हुए चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाले मोदी पर भी 2002 में गुजरात में हुए दंगों को रोकने में नाकाम रहने के आरोप लगते आए हैं. मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वहां मुसलमान विरोधी दंगों में 1000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. मोदी हमेशा से ही इन आरोपों का खंडन करते आए हैं और भारत के सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.

एए/एजेए (एएफपी)