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मोदी-शरीफ वार्ता में आतंकवाद निशाने पर

१० जुलाई २०१५

रूस के उफा में ब्रिक्स और एससीओ के दोहरे सम्मेलनों के दौरान पड़ोसी देशों भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर चर्चा की. मई 2014 के बाद हुई इस पहली मुलाकात का अमेरिका ने भी स्वागत किया.

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तस्वीर: Reuters

मोदी और शरीफ की बातचीत में उम्मीद के अनुरूप आतंकवाद का मुद्दा ही छाया रहा. इसके पहले नवंबर में भी एक क्षेत्रीय सम्मेलन में दोनों नेताओं ने शिरकत की थी लेकिन कोई आधिकारिक वार्ता नहीं हुई थी. शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की करीब 1 घंटे तक हुई वार्ता में 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमांइड माने जाने वाले लखवी की पाकिस्तानी जेल से रिहाई पर दिल्ली के असंतोष पर भी बात हुई.

बातचीत के बाद जारी संयुक्त विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में सार्क सम्मेलन के लिए पाकिस्तान जाने का शरीफ का न्योता स्वीकार कर लिया है. सार्क सम्मेलन मोदी का पाकिस्तान का पहला दौरा होगा. मई 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में शरीफ को आमंत्रित किया था लेकिन वह खुद अब तक पाकिस्तान नहीं गए हैं. लखवी की रिहाई और साझा सीमा पर नियमित गोलीबारी के कारण दोनों देशों के संबंध ठंडे पड़े हैं.

इस वार्ता के बाद दोनों देशों की सरकारों के मिलकर कानूनी प्रक्रियाओं को तेज करने के लिए "उपाय और साधनों पर चर्चा" करने की बात कही है. यह भी बताया गया कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नई दिल्ली में मिलकर आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे, हालांकि इस वार्ता की तिथि अभी तय नहीं हुई है. इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के विदेश सचिवों द्वारा पढ़ कर सुनाए गए संयुक्त वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि दोनों देशों में सीमा सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भी जल्दी ही आपस में भेंट होगी.

मोदी-शरीफ मुलाकात के विषय में हर्ष जताते हुए अमेरिका ने कहा कि इन दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच तनाव किसी के भी हित में नहीं है. अमेरिका के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने पत्रकारों के सवाल पर कहा, "हम तनाव को कम होते देखना चाहते हैं और हम ये भी देखना चाहते हैं कि दोनों देश आपस में मिलकर सभी समस्याएं सुलझाएं." भारत और पाकिस्तान की आपसी समस्याएं 1947 में ब्रिटिश राज से आजादी मिलने और पाकिस्तान के गठन के समय से ही चली आ रही हैं. दोनों देशों के बीच अब तक चार युद्ध हो चुके हैं जिनमें से दो कश्मीर के विवाद पर लड़े गए.

आरआर/एमजे (पीटीआई, डीपीए, एएफपी)