यूं मरते हैं हर साल लाखों चीनी
२९ अगस्त २०१४रिसर्चरों के मुताबिक चीन में हर साल कम से कम 47 लाख लोग प्रदूषण, दुर्घटनाओं, धूम्रपान या मोटापे के कारण मरते हैं. हर साल सरकार को इस वजह से दसियों अरब का नुकसान होता है. चीन ने कई बड़ी संक्रामक बीमारियों पर तो जीत हासिल कर ली जिनके कारण पचास के दशक में लोगों की जान जा रही थी, लेकिन आधुनिक जीवन से जुड़ी ये नई समस्याएं मुंह खोले खड़ी हैं. प्रदूषण के कारण बीमारी और समय से पहले मौत की घटनाएं पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा बढ़ गई हैं.
इस रिसर्च में शामिल अमेरिकी और चीनी वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तरह की समस्याएं समृद्धि और विकास के साथ साथ कदम रखती हैं. लेकिन चीन को दूसरे विकसित देशों से सीखने की जरूरत है जो इस रास्ते पर चलने के बाद समस्याओं से निपटने के तरीके भी ढूंढ चुके हैं. अटलांटा की एमरी यूनिवर्सिटी के जेफरी कोपलान इस रिसर्च को अंजाम देने वाली टीम के प्रमुख हैं. उनके मुताबिक, "इस तरह के कई खतरे प्रभावशाली दखल के जरिए कम किए जा सकते हैं."
इन नतीजों के समर्थन में उन्होंने कुछ आंकड़ों को दोबारा पेश किया. इनके अनुसार, सालाना करीब 10 लाख मौतें ईंधन के जलने से पैदा होने वाले प्रदूषण के कारण और 12 लाख मौतें वातावरण में मौजूद अन्य हानिकारक कणों के सांस में प्रवेश करने के कारण हो रही हैं. 2006 के आंकड़ों के अनुसार इन मामलों पर सालाना करीब 341 अरब युआन खर्च होते हैं. धूम्रपान के कारण 14 लाख लोग हर साल मौत के गले लग रहे हैं. इन पर लगभग 41 अरब युआन का खर्च आता है. चीन में हर साल आठ लाख से ज्यादा लोग दुर्घटनाओं में मारे जा रहे हैं. इनमें अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं हैं जिनमें मरने वाले ज्यादातर 1 से 39 वर्ष आयु वर्ग के बीच हैं. इनके चिकित्सकीय खर्चों पर सरकार के करीब 65 अरब युआन खर्च हो रहे हैं.
इसके अलावा मोटापा भी चीन में बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है. उच्च बॉडी मास इंडेक्स यानि मोटापे से ग्रसित करीब 3,63,000 मरीज दिल की बीमारी, डायबिटीज या दूसरी बीमारियों के कारण जान गंवा देते हैं. इन पर 2003 के रिकॉर्ड के मुताबिक सालाना करीब 21 अरब युआन खर्च होते हैं.
एसएफ/आईबी (एएफपी)