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विवाद

यूएन के मानवाधिकार फोरम में भिड़े भारत-पाकिस्तान

१० सितम्बर २०१९

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार फोरम में भारत और पाकिस्तान कश्मीर को लेकर बुरी तरह उलझे हैं. खींचतान का अंदाजा फोरम के बाहर पोस्टर युद्ध से ही लग रहा है.

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USA New York - 73. UN Generalversammlung - Pakistans Außenminister Shah Mehmood Qureshi
तस्वीर: Pakistan Embassy/Washington

स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान का झगड़ा ही छाया रहा. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार फोरम के बाहर भी इस झगड़े की बानगी साफ तौर पर नजर आ रही थी. फोरम जिस जगह पर आयोजित हुआ, वहां पाकिस्तान समर्थकों ने भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में पोस्टर और बैनर लगा रखे थे. वहीं पाकिस्तान की आलोचना करने वाले पोस्टरों और बैनरों की भी तादाद बहुत ज्यादा थी. ऐसे पोस्टरों में बड़ी संख्या में पश्तूनों के अपहरण का मामला भी था और पाकिस्तानी प्रांत सिंध में मानवाधिकार उल्लंघन रोकने की अपील भी. एक बड़े इलाके में "पाकिस्तान स्टॉप जेनोसाइड" यानि पाकिस्तान जनसंहार बंद करो का नारा भी लिखा था.

फोरम के भीतर भी नजारा इससे कुछ अलग था. वहां पोस्टर या बैनर तो नहीं थे, लेकिन बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप थे. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पहले फोरम को संबोधित किया. भारत पर कश्मीर में गैरकानूनी सैन्य कब्जे का आरोप लगाते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, "भारत के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में लोग बेहद बुरे दौर का सामना कर रहे हैं. यहां जनसंहार शब्द का इस्तेमाल करते हुए मुझे कंपकंपी हो रही है, लेकिन मुझे यह करना होगा. कब्जे वाले इलाके के कश्मीरी लोग, एक नागरिक, जातीय, नस्लीय और धार्मिक समूह के तौर पर अपनी जान, जीवन और आजीविका पर एक बड़ा खतरा झेल रहे हैं, वो भी एक हत्यारी, स्त्री विरोधी और इस्लाम विरोधी सत्ता से."

भारत ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया. इस अनुच्छेद के तहत जम्मू कश्मीर प्रांत को विशेषाधिकार मिले थे. विशेषाधिकार खत्म करने के साथ ही भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में भी परिसीमित कर दिया. पाकिस्तान तब से भारत का कड़ा विरोध कर रहा है.

मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल (यूएनएचआरसी) को संबोधित करते हुए यूएन की मानवाधिकार हाई कमीशन मिशेल बैचलेट ने कहा कि वह कश्मीर में भारत सरकार के हालिया कदमों के असर को लेकर काफी चिंतित हैं.

कश्मीर में 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा भारत और पाकिस्तान को अलग करती है. दोनों देश पूरे कश्मीर पर अपने अधिकार का दावा करते हैं.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जिनेवा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि मौजूदा माहौल भारत के साथ द्विपक्षीय वार्तालाप की कोई संभावना देता है." कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से भी तनाव कम करने में मदद करने की अपील की.

China Peking - Pakistanischer Außenminister Shah Mehmood Qureshi trifft den chinesischen Außenminister Wang Yi
बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री से मिलते पाकिस्तानी विदेश मंत्रीतस्वीर: Getty Images/AFP/Str

कुरैशी के बयानों पर भारतीय पक्ष की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई. कुछ समय पहले कश्मीर पर दिए गए पाकिस्तान और चीन के साझा बयान की आलोचना करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हम जम्मू और कश्मीर का हवाला देते हुए चीन और पाकिस्तान द्वारा दिए गए साझा बयान को खारिज करते हैं. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है."

पाकिस्तान भारत पर कश्मीर में सैन्य दमन का आरोप लगता रहा है. वहीं भारत का कहना है कि कश्मीर को हथियाने के लिए पाकिस्तान आतंकवाद और हिंसा का सहारा लेता रहा है.

ओएसजे/आरपी (डीपीए, रॉयटर्स)

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