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यूक्रेन में मतदान करवाना मुश्किल

१८ मई २०१४

स्लावियांस्क में गोलियों की आवाजों के बीच यूक्रेन के संकट पर बातचीत हो रही है. उधर रूस ने पूछा है क्या 25 तारीख को होने वाले चुनाव इस हिंसा के मद्देनजर लोकतांत्रिक हो पाएंगे.

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तस्वीर: Reuters

रूस के विदेश मंत्रालय ने पूछा है, "क्या गोलियों और धमाकों के बीच होने वाली चुनाव प्रक्रिया लोकतांत्रिक नियमों के मुताबिक होगी. " अधिकारियों ने कीव से दक्षिणपूर्वी इलाकों में सैन्य कार्रवाई तुरंत रोकने की मांग की है.

उधर यूक्रेन के चुनाव आयोग ने कड़ी चेतावनी दी है कि हिंसाग्रस्त पूर्वी इलाकों में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करवाना मुश्किल हो जाएगा. केंद्रीय चुनाव आयोग ने कीव के अधिकारियों से तुरंत पूर्वी इलाकों में सुरक्षा सुनिश्तचत करवाने की मांग की है और कहा है कि विद्रोह के कारण करीब 20 लाख लोग मत देने से वंचित रह जाएंगे.

यूक्रेन में पश्चिम समर्थित सरकार राष्ट्रीय एकता के लिए बातचीत के दूसरे दौर की तैयारी में लगी है. यब बातचीत शनिवार देर शाम पूर्वी शहर खारकीव में होगी, जो पहले से हिंसाग्रस्त है. रूस की नाराजगी के बाद अब विद्रोहियों को भी बातचीत की मेज पर बुलाया गया है.

सजा रोकें

रूस ने तो यहां तक कहा है कि सरकार यूनिटी टॉक के नाम पर अपनी आक्रामक कार्रवाई पर पर्दा डालने की कोशिश करना चाहती है. और पश्चिमी देशों से उसने अपील की है कि कीव सच में राष्ट्रीय मेलजोल के लिए काम करे. अमेरिका सहित यूरोपीय देशों ने मॉस्को से अपील की है कि वह ये चुनाव होने दे. व्हाइट हाउस ने एक एक बयान में कहा, "अगर रूस भड़काऊ और अस्थिर बनाने वाला अपना व्यवहार जारी रखता है तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी. "

25 मई को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में तीन करोड़ साठ लाख यूक्रेनी वोट दे सकते हैं. और उम्मीद की जा रही है कि वह चॉकलेट किंग पेट्रो परोशेंको को जिताएंगे.

अत्याचार और हत्याएं

मॉस्को ने कीव पर नागरिकों के जीवन पर खतरा पैदा करने का आरोप लगाया है. और कहा है कि जब सरकारी सेना स्लावियांस्क की ओर जा रही थी, तो उस समय हवाई मदद और भारी हथियारों के कारण लोगों की जान गई है. संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को बताया कि दक्षिणपूर्वी यूक्रेन में हिंसा के दौरान करीब 127 लोग मारे गए हैं. संयु्क्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्लै ने लक्षित हत्या, उत्पीड़न, मारपीट और अपहरण के मामलों की ओर इशारा किया है. साथ ही क्रीमिया में तातार समुदाय के लोगों के उत्पीड़न का मुद्दा भी उठाया है.

एएम/आईबी (एएफपी)