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यूरोप को उबारने के लिए 750 अरब यूरो का पैकेज

२७ मई २०२०

यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कोरोना के असर से निपटने के लिए बुधवार को 750 अरब डॉलर की योजना का प्रस्ताव रखा है. अभूतपूर्व संकट से निबटने के लिए ऐतिहासिक योजना बनाई गई है.

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Europäisches Parlament Ursula von der Leyen
तस्वीर: Getty Images/AP/K. Tribouillard

प्रस्ताव पास कराने के लिए कुछ सदस्य देशों की सहमति जुटाना बाकी है. दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के कारण यूरोपीय संघ पहले ही अब तक की सबसे गहरी मंदी के असर में आ चुका है. फॉन डेय लाएन का प्रस्ताव सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की मदद करेगा. अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो यूरोपीय संघ के इतिहास में यह सबसे बड़ा प्रोत्साहन पैकेज होगा. इसके जरिए पूरे यूरोप में प्लास्टिक, कार्बन उत्सर्जन और बड़ी तकनीकी कंपनियों पर टैक्स की भी शुरुआत होगी जो संघ की ताकत को भी काफी ज्यादा बढ़ा देगा.

यूरोपीय संघ के आर्थिक मामलों के आयुक्त पाओलो जेंटोलिनी ने इस प्रस्ताव को "यूरोपीय अहम खोज" कहा है जो "एक अभूतपूर्व संकट को संभालेगा." कोरोना वायरस के कारण यूरोप में 1,73,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और अर्थव्यवस्था एक तरह से थम गई है. यहां बहुत धीरे धीरे कारोबार शुरू हो रहा है और सीमाओं पर लोगों की आवाजाही और व्यापार पर अब भी बहुत पाबंदियां हैं.

आर्थिक प्रोत्साहन का यह पैकेज इटली और स्पेन के भारी दबाव पर आया है. ये दोनों देश यूरोप में वायरस के पहले शिकार बने और अपनी अर्थव्यवस्थाओं को संभालने के लिए ही उन्हें भारी कर्ज की जरूरत है. 

Deutschland Berlin | Pressekonferenz Angela Merkel
तस्वीर: Reuters/O. Andersen

प्रस्ताव को अगर इसी रूप में पास कर दिया जाता है तो इटली को अगले तीन सालों में 81.8 अरब यूरो और स्पेन को 77.3 अरब यूरोप की सीधी सहायता मिलेगी. कुल मिला कर यूरोपीय संघ 405 अरब यूरो की सहायता देगा. इसमें से 28.8 अरब यूरो जर्मनी को जबकि फ्रांस को 38.7 अरब यूरो मिलेंगे. इसके साथ ही देशों को कर्ज भी मिलेगा. इटली को 90 और स्पेन को 31 अरब यूरो का कर्ज देने का प्रस्ताव किया गया है. सहायता और कर्ज मिला कर 650 अरब यूरो दिए जाएंगे. बाकी के 100 अरब यूरो यूरोपीय संघ के बचाव कार्यक्रम पर खर्च होंगे.

आयोग के प्रस्ताव से कुछ ही दिन पहले जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने यूरोपीय संघ के अधिकारियों को बाजार से 500 अरब यूरो की रकम जुटाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है ताकि इस प्रस्ताव के लिए धन जुटाया जा सके. यूरोपीय संघ की सबसे प्रभावशाली नेता मैर्केल ने यह भी कहा कि सहायता ग्रांट के तौर पर दी जाए ना कि कर्ज के रूप में. आयोग के सामने अब उत्तरी यूरोप के सदस्य देशों को मनाने की चुनौती है. फ्रूगल फोर के नाम से पुकारे जाने वाले ये देश दक्षिणी यूरोप के कर्ज में डूबे देशों को धन देने का विरोध करते हैं. इनका आग्रह है कि सहायता के लिए सिर्फ कर्ज दिए जाएं. ये देश दक्षिणी देशों पर अपनी क्षमता से ज्यादा खर्च करने और खर्च घटाने के लिए जरूरी सुधारों को लागू करने की बजाए कर्ज लेने में यकीन रखते हैं.

Italien Coronavirus Lockerungen Gastronomie
कोरोना के कारण यूरोप मंदी में घिर चुका हैतस्वीर: Reuters/M. Silvestri

सहयता बनाम कर्ज का मसला यूरोप में बहुत बड़ा है. इटली, ग्रीस और स्पेन पर पहले से ही कर्ज का भारी बोझ है. यह हालत तब है जब 2008 की आर्थिक मंदी के वक्त इन देशों ने कई सुधारों को लागू किया था. यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने मंगलवार को चेतावनी दी कि कर्ज में डूबे देशों को और ज्यादा कर्ज देने से बाजार को मुश्किल होगी और संघ की मुद्रा यूरो जोखिम में घिर जाएगी.

सहायता के लिए फंड को यूरोपीय संघ के दीर्घकालीन बजट से जोड़ा जाएगा जो 2021 से 2027 तक के लिए होगा. प्रस्ताव और इस बजट को सभी 27 देशों की मंजूरी के साथ ही यूरोपीय संसद के सदस्यों से भी पुष्टि करानी होगी.

फॉन डेय लाएन को अगले कुछ हफ्ते सदस्यों के साथ मोलभाव करने में बिताने होंगे. राजनयिकों का अनुमान है कि यह बातचीत कम से कम जुलाई तक चलेगी. जुलाई में यूरोपीय संघ की अध्यक्षता जर्मनी के पास आ जाएगी. इस योजना के लिए धन जुटाने में और भी लंबा वक्त लगेगा क्योंकि इसे सभी सदस्य देशों की राष्ट्रीय संसद से पास कराना होगा.

फॉन डेय लाएन का आयोग इससे पहले ही छोटे उपायों को लागू कर चुका है. इसमें रोजगार की योजनाओं के लिए बीमा और नुकसान के साथ चलने के नियमों को स्थगित करना शामिल है. यूरोपीय संघ के जो 19 देश साझा मुद्रा का इस्तेमाल करते हैं, उन्होंने आपातकालीन स्वास्थ्य खर्चों के लिए पहले ही 540 अरब यूरोप की रकम जुटा ली है. आयोग संकट शुरू होने के बाद अब तक करीब 2 लाख खरब यूरो की सरकारी सहायता को मंजूरी दे चुका है. इनमें से आधी तो जर्मनी ने ही दी है.

एनआर/आईबी (एएफपी)

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