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और बढ़ गए यूरोपीय संघ में शरणार्थी दर्जा चाहने वाले

११ जून २०१९

एक बार फिर यूरोपीय संघ में शरणार्थी दर्जा चाहने वाले आवेदकों की संख्या में इजाफा हुआ है. पहले जहां सबसे अधिक आवेदन सीरिया और अफगानिस्तान से आते थे वहीं अब ईयू में लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला के लोग भी शरण चाहते हैं.

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Spanien Madrid - Proteste gegen Zensur in Venezuela
तस्वीर: Imago Images/ZUMA Press

कई साल तक गिरावट देखने के बाद अब एक फिर यूरोपीय संघ के देशों में शरण पाने के आवेदनों में बढ़ोत्तरी हुई है. यूरोपियन असाइलम सपोर्ट ऑफिस (ईएएसओ) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के कई विवादग्रस्त मुल्कों से लोग यूरोप आना चाहते हैं. आंकड़ों के मुताबिक यह पहली बार है कि सीरिया से आने वाले आवेदनों में साल 2018 के मुताबिक करीब आठ फीसदी की कमी तो आई है लेकिन अब भी शरणार्थियों के आवेदन करीब 20 हजार के करीब हैं.

सीरिया के बाद वेनेजुएला से करीब 14 हजार लोगों के आवेदन यूरोपीय दफ्तर को मिले हैं. ईएएसओ के मुताबिक, "वेनेजुएला से ज्यादा आवेदन आए हैं वहीं अफगानिस्तान की स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है." यह पहला मौका है जब वेनेजुएला से एक महीने में इतने अधिक आवेदन आए हैं. हालांकि साल 2019 की शुरुआत से वेनेजुएला में राजनीतिक और आर्थिक उठापटक की स्थिति बनी हुई है.

ईएएसओ के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 के शुरुआती चार महीने में ही दफ्तर को यूरोपीय संघ के देशों में शरण पाने के लिए करीब दो लाख से भी अधिक आवेदन मिल गए हैं. साल 2018 के शुरुआती चार महीनों में आवेदनों की संख्या करीब 1.79 लाख थी. सीरिया और वेनेजुएला के बाद अफगानिस्तान से आने वाले आवेदन सबसे ज्यादा हैं. अफगानिस्तान से करीब 14 हजार आवेदन आए. इसके बाद आवेदन भेजने वालों में इराकी और नाइजीरियाई लोगों का नंबर आता है.

कोलंबिया से आने वाले आवेदनों की संख्या आठ हजार के करीब रही. पहली बार पश्चिमी बाल्कन देशों मसलन अल्बानिया, जॉर्जिया जैसे देशों से भी आवेदन आए हैं. इसके अलावा ऐसे नागरिकों के आवेदन जिन्हें शेंगेन जोन में जाने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती उनमें भी 20 से 25 फीसदी का इजाफा हुआ है.

जितनी तेजी से यूरोपीय संघ में शरणार्थी आवेदनों की संख्या बढ़ी है उतनी ही तेजी से यूरोपीय संघ के देशों से खासकर जर्मनी से डिपोर्ट किए जाने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र की रिफ्यूजी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने जर्मनी की ओर से अपनाई गई डिपोर्टेशन की प्रक्रिया की काफी आलोचना की है.

ईएएसओ ने बताया कि फरवरी 2019 तक आने वाले आवेदनों में 1,937 कोलंबिया से, 731 सेल्वाडोर, 616 निकारागुआ और 592 होंडुरास से थे. इसके अलावा 351 आवेदन हैती, 323 पेरू, 112 क्यूबा और 73 ग्वाटेमाला से रहे. अधिकतर आवेदकों ने स्पेन में रहने की इच्छा जताई है.

साल 2015 में यूरोपीय संघ ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़े प्रवासी संकट का सामना किया. उस वक्त सीरिया, मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों से दस लाख से भी अधिक लोग यूरोप में दाखिल हुए थे. 

एए/आरपी (एएफपी, डीपीए, ईपीडी, केएनए)

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