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यूरोपीय संसद ने किया हंगरी के खिलाफ कार्रवाई का फैसला

१३ सितम्बर २०१८

हंगरी पर यूरोपीय संघ के मूल्यों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए यूरोपीय संसद ने हंगरी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए वोट दिया है. प्रधानमंत्री ओरबान की सरकार पर आरोप है कि उसने अल्पसंख्यकों पर हमला किया है.

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Europäisches Parlament in Straßburg | Viktor Orban, Premierminister Ungarn
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/J.F. Badias

हंगरी में प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान की सरकार द्वारा लोकतांत्रिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई, मीडिया स्वतंत्रता पर हमला और अल्पसंख्यकों के हकों में कटौती यूरोप में भी बहस का मुद्दा है. अब फ्रांस के स्ट्रासबुर्ग स्थित यूरोपीय संसद में दो-तिहाई से अधिक सांसदों ने हंगरी के खिलाफ कार्रवाई शुरू किए जाने का पक्ष लिया. यूरोपीय संघ के किसी देश के खिलाफ ऐसा मतदान पहली बार हुआ है. यूरोपीय संघ की संधि के अनुच्छेद सात के तहत कार्रवाई शुरू करने के प्रस्ताव के समर्थन में 488, और उसके खिलाफ 197 मत पड़े. 48 सांसद तटस्थ रहे. यह अनुच्छेद इसलिए महत्वपूर्ण है कि इस प्रक्रिया के अंत में यूरोपीय संघ में हंगरी से मतदान का अधिकार छीना जा सकता है. धारा 7 के तहत किसी भी सदस्य देश के खिलाफ कार्रवाई का शुरू करने का अधिकार यूरोपीय संसद के अलावा यूरोपीय आयोग और सदस्य देशों को है.

शरणार्थियों ने जर्मनी की राजनीति बदल दी

इससे पहले यूरोपीय आयोग ने पोलैंड के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. हंगरी के खिलाफ यूरोपीय संघ के एकजुट हो जाने पर पोलैंड ने चिंता जाहिर की है और कहा है कि वह हंगरी पर प्रतिबंधों का विरोध करेगा. पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि हर देश को घरेलू सुधार करने का संप्रभु हक है. बयान में कहा गया है, "सदस्य देशों के खिलाफ लक्षित ऐसे कदम ईयू में विभाजन को गहरा बनाएंगे और यूरोपीय संस्थाओं में नागरिकों के अविश्वास को बढ़ाएंगे." अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल में मानवाधिकारों की विशेषज्ञ बरबर बाइला-हेटिंगा ने इस मतदान को ऐतिहासिक बताया है.

संसद का यह फैसला ग्रीन पार्टी की सांसद यूडिथ सार्गेंटिनी की हंगरी पर एक रिपोर्ट के बाद आया है. डच सांसद ने अपनी रिपोर्ट में ओरबान सरकार पर लोकातांत्रिक मूल्यों के हनन कई मामलों का आरोप लगाया जिसमें न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमले के अलावा मीडिया स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों में कटौती भी शामिल है. हंगरी ने ओरबान के शासनकाल में गैर सरकारी संस्थाओं के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए हैं.

EU-Parlament für Sanktionsverfahren gegen Ungarn
हंगरी के खिलाफ रिपोर्ट लाने वाली डच सांसद यूडिथ सार्गेंटिनी की अन्य सांसदों ने सराहना की.तस्वीर: Reuters/V. Kessler

हंगरी के लोकप्रिय नेता और प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने हंगरी का बचाव करने के बदले यूरोपीय संसद में इस तरह की वोटिंग को हंगरी की जनता का अपमान कहा था. हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिजार्टो ने इस मतदान को रिफ्यूजी समर्थक नेताओं का बदला बताया. 2015 के शरणार्थी संकट के बाद से ही हंगरी यूरोप आने वाले शरमार्थियों को कोटे के आधार पर लेने से मना करता रहा है. यूरोप को ईसाइयों का महाद्वीप बताने वाले और खासकर मुसलमान आप्रवासियों का विरोध करने वाले ओरबान ने अपने भाषण में हंगरी की सीमाओं की रक्षा और गैर कानूनी आप्रवासन को रोकने की बात कही.

वीसी/एमजे (एपी, एफपी)

आप्रवासन पर विक्टर ओरबान के विवादास्पद बयान