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यूरोप में दहशत में जीते यहूदी

१३ दिसम्बर २०१८

यूरोपीय संघ के देशों में ज्यादातर यहूदी अपनी धार्मिक पहचान छुपा कर रहते हैं. एक ताजा सर्वे कहता है कि यूरोपीय देशों में मजबूत होती यहूदी विरोधी भावना को देखते हुए यहूदी लोग कहीं और जाने के बारे में सोच रहे हैं.

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Kundgebung gegen Antisemitismus
तस्वीर: picture alliance/dpa/M. Hitij

यह सर्वे मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली यूरोपीय संघ की एक संस्था ईयू फंडामेंटल राइट्स एजेंसी ने कराया है और इसमें 16,400 यहूदियों ने हिस्सा लिया. वियना स्थित इस संस्था का कहना है कि सर्वे में शामिल हर दस में से नौ लोगों ने कहा कि बीते पांच साल के दौरान यहूदी विरोधी भावना मजबूत हुई है.

एक चौथाई से ज्यादा लोगों ने कहा कि पिछले एक साल में उन्हें यहूदी होने की वजह से कम से कम एक बार जरूर परेशान किया गया है. वहीं 40 फीसदी लोगों का कहना है कि उन्हें अपने ऊपर हमला होने का डर सताता रहता है जबकि तीन प्रतिशत लोगों ने बीते पांच साल में इस तरह का हमला झेला है.

सर्वे में शामिल 10 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें रोजगार, शिक्षा, आवास या फिर स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ा है. यूरोपीय न्याय कमिसार वीरा यूरोवा का कहना है, "यहूदी यूरोप में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते और यह एक चेतावनी है."

दुनिय में किस धर्म के कितने लोग?

सर्वे में शामिल हर 10 में से चार लोगों ने कहा कि वे किसी अन्य देश में जाकर बसने के बारे में सोच रहे हैं क्योंकि यूरोप में वे सुरक्षित महसूस नहीं करते. एक चौथाई से ज्यादा लोगों का कहना है कि वे अकसर धार्मिक पहचान वाले प्रतीकों और कपड़ों को पहनने से बचते हैं.

यूरोपीय रब्बी कांफ्रेस के अध्यक्ष पिनखान गोल्डस्मिथ कहते हैं, "यूरोप में मौजूदा स्थिति हमारी आशंकाओं से भी ज्यादा खराब है." इस समय मॉस्को के मुख्य रब्बी गोल्डस्मिथ ने सर्वे के बारे में कहा कि यहूदी विरोधी भावना इसलिए मजबूत हो रही है क्योंकि यूरोपीय आबादी में आम तौर पर असुरक्षा की भावना बढ़ रही है जिसकी वजह बड़े पैमाने पर विदेशियों का आना और आतंकवाद है. उनके मुताबिक इसी भावना ने "फिर से नफरत, नस्लवाद और यहूदी विरोधी भावना को स्वीकार्य बना दिया है."

यातना की यादें

सर्वे में शामिल लोगों का कहना है कि यहूदियों पर हर तरफ से हमले हो रहे हैं. सर्वे में दर्ज 30 प्रतिशत मामले ऐसे थे जिसमें यहूदियों से बदसलूकी करने वाले लोग चरमपंथी मुस्लिम विचारधारा रखते थे. वहीं ऐसे 21 प्रतिशत मामलों के लिए राजनीतिक वामपंथी और 13 प्रतिशत मामलों के लिए धुर दक्षिणपंथी जिम्मेदार हैं.

सर्वे बताता है कि कुछ मुसलमानों के बीच यहूदी विरोधी भावना एक बड़ी समस्या है, लेकिन सर्वे में 72 प्रतिशत लोगों ने माना कि खुद मुसलमान भी बढ़ती असहिष्णुता के शिकार हैं. गोल्डस्मिथ कहते हैं, "हर तरह का नस्लवाद खतरनाक है."

ये ऑनलाइन सर्वे यूरोपीय संघ के 12 देशों में कराया गया जिनमें यूरोपीय संघ के 96 प्रतिशत यहूदी रहते हैं. इन देशों में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, इटली, नीदरलैंड्स, पोलैंड, स्पेन और स्वीडन शामिल हैं.

पोलैंड, जर्मनी और बेल्जियम में ऐसे यहूदियों की संख्या सबसे ज्यादा है जिन्हें पिछले एक साल में परेशान किया गया या उन पर हमला किया गया. यूरोपीय न्याय कमिसार वीरा यूरोवा का कहना है कि यहूदी नरसंहार में "मारे गए यहूदियों की कब्रों पर रोने भर से" काम नहीं चलेगा, बल्कि यूरोपीय संघ को यहूदियों के खिलाफ बन रहे माहौल से निपटना होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए यहूदी संस्कृति का प्रसार करना होगा और शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमों में निवेश करना होगा.

एके/एमजे (डीपीए)

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