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यूरोप में मिसाइल रक्षा प्रणाली पर सहमति

२० नवम्बर २०१०

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और नाटो देशों ने तय किया है कि वे यूरोप को ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के संभावित हमलों से बचाने के लिए मिसाइल रक्षा कवच प्रणाली तैयार करेंगे. रूस से भी योजना में शामिल होने की अपील.

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लिस्बन में जुटे नाटो नेतातस्वीर: picture-alliance/dpa

नाटो देश मिसाइल रोधी हथियारों को तैनात करेंगे जो भविष्य के किसी भी दुश्मन से हमले को रोक सकें. रूसी सरकार से अपील की गई है कि वह अपनी रक्षा प्रणालियों को भी इसके अनुकूल बनाए. नाटो देशों का इस वक्त लिस्बन में शिखर सम्मेलन हो रहा है जहां वे अफगान युद्ध को पूरी तरह खत्म करने पर भी विचार करेंगे.

शिखर सम्मेलन के दौरान ओबामा ने कहा, "पहली बार हम एक मिसाइल रक्षा कवच प्रणाली बनाने पर एकमत हुए हैं जिससे नाटो के अंदर सारे यूरोपीय इलाकों, उसमें रह रहे लोगों और अमेरिका की रक्षा की जा सकेगी". रूस इस तरह की अमेरिकी रक्षा प्रणालियों की कड़ी आलोचना करता रहा है क्योंकि वह इन्हें अपने लिए एक खतरे के रूप में देखता है.

नाटो के 28 सदस्य देशों का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव को इसके लिए राजी किया जा सकता है. लिस्बन बैठक के लिए मॉस्को से रवाना होने से पहले रूसी प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने कहा कि वे मिसाइल प्रणाली पर बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन यूरोप की सुरक्षा को पूरी तरह बदलने के बारे में उन्होंने कुछ खास नहीं कहा.

वहीं नाटो प्रमुख आंदर्स फोग रासमुसेन ने उम्मीद जताई है कि रूस और उसके मित्र देश एक साथ शोध करेंगे और इस बात पर विचार करेंगे कि रूस को किस तरह मिसाइल रोधी प्रणाली में शामिल किया जाए. इससे पहले रासमुसेन ने चेतावनी दी कि अगर इस बारे में संधि में देरी हुई तो यूरोप की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है.

ओबामा ने नवंबर 2009 में यूरोप में मिसाइल रक्षा कवच प्रणाली की योजना बनाई जिससे रूस और अमेरिका के बीच संबंध बिगड़ गए थे. ओबामा ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के प्रस्ताव में बदलाव लाकर एक मोबाइल मिसाइल प्रणाली का प्रस्ताव रखा जिससे हमले की सूरत में ईरान की मिसाइलों को निशाना बनाया जा सकेगा.

इस बीच रूस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों में कटौती की स्टार्ट संधि के सिलसिले में भी ओबामा को यूरोपीय देशों से समर्थन मिला है. स्ट्रैटीजिक आर्म्स लिमिटेशन ट्रीटी (स्टार्ट) पर ओबामा और मेद्वेदेव ने इस साल अप्रैल में हस्ताक्षर किए थे. इसमें दोनों देशों को अपने परमाणु हथियारों की संख्या घटा कर 1,550 तक लानी होगी. ओबामा ने कहा कि नई स्टार्ट संधि से नाटो को और मजबूत किया जा सकेगा और यूरोपीय सुरक्षा को भी बेहतर बनाया जा सकेगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार

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