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मैर्केल व राखोय की शरणार्थी संकट पर चर्चा

१ सितम्बर २०१५

यूरोपीय देशों के उलझन के नए चरण में हंगरी ने सोमवार को बहुत से शरणार्थियों को जर्मनी और ऑस्ट्रिया जाने दिया. चांसलर अंगेला मैर्केल ने शरणार्थियों के मुद्दे पर स्पेनी प्रधानमंत्री मारियानो राखोय से बात की है.

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तस्वीर: dpa

हंगरी ने सोमवार को राजधानी बुडापेस्ट के रेलवे स्टेशन पर पुलिस कंट्रोल हटा लिया. उसके बाद हजारों शरणार्थी जर्मनी और ऑस्ट्रिया के लिए रवाना हुए. सोमवार रात करीब 800 लोग जर्मन शहर म्यूनिख पहुंचे. अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें वापस नहीं भेजा जाएगा. उनका रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. मंगलवार को 2000 से ज्यादा लोग ऑस्ट्रिया से जर्मनी के लिए रवाना हुए हैं.

Ungarn schließt den Ost-Bahnhof in Budapest Protest der Flüchtlinge
तस्वीर: Reuters/L. Balogh

इस बीच हंगरी के अधिकारियों ने बुडापेस्ट के स्टेशन को बंद कर दिया है और लोगों से स्टेशन खाली करवा लिया है. राहत संगठन माइग्रेशन एड का कहना था कि अब तक 2000 शरणार्थी बुडापेस्ट के स्टेशन पर फंसे हुए थे क्योंकि आप्रवासन अधिकारी उन्हें किसी कैंप में भेजने की हालत में नहीं थे.

Ungarn schließt den Ost-Bahnhof in Budapest Protest der Flüchtlinge
तस्वीर: Reuters/L. Balogh

डब्लिन समझौते के अनुसार शरण के आवेदनों पर फैसला करने की जिम्मेदारी उस देश की है जहां शरणार्थी पहली बार यूरोपीय जमीन पर दाखिल हुआ था. यूरोपीय आयोग ने हंगरी को चेतावनी दी है कि वह यूरोपीय कानून का पालन करे और वहां आने वाले सभी शरणार्थियों के बायोमेट्रिक निशान लेकर उन्हें रजिस्टर करे.

Deutschland Flüchtlinge aus Syrien bei Passau
तस्वीर: imago/epa/S. Backhaus

ज्यादातर शरणार्थी सीरिया, उत्तरी इराक और एरिट्रिया से आ रहे हैं जहां गृहयुद्ध जैसी स्थिति है. करीब 40 प्रतिशत बाल्कन देशों से आ रहे हैं जिन्हें शरण मिलने की ज्यादा संभावना नहीं है. विशेषकर उनके लिए जर्मन प्रदेश बवेरिया ने अलग से रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया है. अधिकारियों के बीच निकट सहयोग से उनके मामले तेजी से निबटाए जाएंगे ताकि मान्यता नहीं पाने वाले शरणार्थियों को जल्दी वापस भेजा जा सके.

एमजे/आईबी (डीपीए)