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योग के जरिए अपना वैश्विक प्रभाव बढ़ाता भारत

२१ जून २०१९

अगर चीन के पास पांडा डिप्लोमेसी है तो भारत के पास है योग. इसका प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था जिसे दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने स्वीकार कर लिया. 

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International Yoga Day
तस्वीर: Reuters/R. Khumar

पांच साल पहले उत्तरी गोलार्ध में साल के सबसे लंबे दिन यानि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए चुना गया. इसका प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था जिसे दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने स्वीकार कर लिया. तब से एक तरह से विश्व मंच पर योग का प्रचार प्रसार करने के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत का वैसा ही प्रभाव डालने की कोशिश की है जैसे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुडविल यानि सद्भावना के प्रतीक के रूप में दुनिया भर के देशों के चिड़ियाघरों में चीनी पांडा भेज कर किया था.

पांचवे आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने खुद भी झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में 40,000 अन्य लोगों के साथ योगाभ्यास किया. इस दौरान ना केवल भारत में बल्कि विश्व के कई देशों में लोगों ने सामूहिक रूप से योग किया. योग शुरु करने से पहले मोदी ने कहा, "हमारा नारा होना चाहिए शांति, सद्भाव और विकास." विदेश मंत्रालय ने बताया कि विश्व भर में मौजूद भारत के 191 दूतावासों और काउंसलेट में से ज्यादातर ने भी इस दिन को मनाया. कीएव में सड़कों पर फ्लैश मॉब ने योग किया तो ब्रसेल्स में जगह जगह रंग बिरंगे योगा मैट बिछे दिखे. वॉशिंगटन स्मारक के नीचे लोग सूर्य नमस्कार करते दिखे तो मॉस्को के तगांस्की पार्क और चीनी शहर वुआन में सैकड़ों लोगों ने एक साथ योगाभ्यास किया.

नई दिल्ली में विदेशी डिप्लोमैटों के लिए भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने एक कार्यक्रम आयोजित किया. इसमें हिस्सा लेने वाले इस्राएल के राजदूत रॉन माल्का ने कहा कि मोदी का योग को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के औजार के रूप में इस्तेमाल करना "काफी अच्छा काम कर रहा है" और भारत-इस्राएल के संबंधों को और मजबूत बना रहा है. वहीं भारत में जर्मनी के दूत वाल्टर लिंडनर ने यूएन में योग को ले जाने को मोदी की "सूझबूझ" का परिचय कहा. लिंडनर ने कहा कि "योगा एक ऐसा उत्पाद है जिसे आप दुनिया में कहीं भी बेच सकते हैं."

विश्व के साथ साथ भारत में भी योग ने मोदी की छवि को और निखारने में मदद दी है. अपने पहले कार्यकाल के पहले ही साल में योग दिवस को वैश्विक स्तर पर पहचान दिला कर उन्होंने एक ऐसे "नए भारत" की परिकल्पना की नींव रख दी थी जिसे मई 2019 में दोबारा चुने जाने के बाद वे आगे बढ़ाने वाले हैं. यह परिकल्पना एक ऐसे भारत की है जो तेज आर्थिक विकास के साथ देश की प्राचीन जड़ों से भी जुड़ा हुआ हो.

आरपी/आईबी (एपी)

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