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भारतीय योग पर जर्मन एक्सपर्ट की राय

२१ जून २०१५

आज पूरी दुनिया में योग के प्रशंसक और अभ्यास करने वाले हैं. जर्मनी में योग विशेषज्ञ आना ट्रोएकेस बता रही हैं कि अधिकतम लाभ के लिए कैसे योग का अभ्यास किया जाना चाहिए.

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तस्वीर: kunstschuetzen.de

डीडब्ल्यू: योग से सेहत को कैसे फायदा पहुंचता है?

आना ट्रोएकेस: हम जानते हैं कि आजकल ज्यादातर बीमारियों का तनाव से कुछ ना कुछ संबंध होता है. रोजमर्रा के जीवन का तनाव शरीर के कई हिस्सों, हृदय के रोग से लेकर शरीर के पूरे प्रतिरोधी तंत्र पर पड़ता है. हजारों सालों से योग में इन तनावों से निपटने के तरीकों का विकास हुआ है, जिनसे जीवन में तनाव से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके.

किन बीमारियों में योग के फायदे सिद्ध हो चुके हैं?

सभी तनाव संबंधी बीमारियों में इसके फायदे सिद्ध हो चुके हैं. इसमें उच्च रक्तचाप, ऑटो इम्यून डिसऑर्डर, अवसाद, घबराहट और बर्नआउट जैसी कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम की परेशानियां भी शामिल हैं. पीठ और गर्दन के दर्द से लेकर विचलित करने वाले बोवेल सिंड्रोम में भी इससे फायदा होता है. योग से केवल लक्षण ही नहीं, मूल बीमारी भी ठीक हो जाती है.

योग का शरीर पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है?

योग का सबसे प्रमुख पक्ष है सांस और गति के बीच तालमेल स्थापित होना, जिससे शांति और विश्राम की स्थित में पहुंचा जाता है. तनाव की स्थिति में हमारा सिंपेथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय रहता है. तनाव और उसके साथ आने वाली थकावट की अनुभूतियों का असर कम करने के लिए हमें तनाव के चक्र को नियमित रूप से तोड़ने की जरूरत होती है. योगाभ्यास कर शांति और विश्राम की स्थिति में आने से हमें खुद के बारे में अच्छी अनुभूति होती है. यह विचार कि हम खुद पर नियंत्रण के लिए कुछ कर सकते हैं, तनाव के असर को कम करता है. और इस तरह तनाव की अनुभूति कम तनावपूर्ण लगने लगती है.

स्वास्थ्य लाभ के लिए कितनी बार और कैसे योग का अभ्यास करना चाहिए?

योग में ध्यान का होना बेहद जरूरी है यानि आपको सजग रहना चाहिए. नियमित रूप से और मध्यम स्तर पर अभ्यास करने से सेहत को सबसे अधिक लाभ होता है. आप चाहें तो हफ्ते में तीन से पांच बार, पंद्रह से बीस मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं, जिससे आपकी सेहत सुधरेगी. हफ्ते में एक दिन अगर और लोगों के साथ कोई योग क्लास कर पाएं तो उसका अपना ही आनंद है.

किन लोगों को योग नहीं करना चाहिए?

मैं आमतौर पर किसी तरह की मनोविकृति के शिकार लोगों को पहले विशेष प्रशिक्षित मनोचिकित्सक के पास भेजती हूं. दूसरी किसी तरह भी की शारीरिक समस्या में योग को उस व्यक्ति की जरूरत के अनुसान ढाला जा सकता है. अपने योग शिक्षक को पहले ही अपनी सेहत से जुड़ी जरूरी बातों और जरूरतों के बारे में जानकारी दे देनी चाहिए. मेरे पिछले कुछ महीने व्हीलचेयर पर कास्ट पहने हुए बीते हैं, फिर भी इस सारे समय मैं योग सिखा पाई हूं.

आना ट्रोएकेस चार दशक से भी अधिक समय से योग सिखा रही हैं. पिछले 30 सालों से वे योग शिक्षिकाओं को ट्रेन कर रही हैं. योग पर लिखी इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. अगस्त 2015 में तनाव और योग के संबंध पर ट्रोएकेस की नई किताब “एंटी-स्ट्रेस-योगा” प्रकाशित होने वाली है.

इंटरव्यू: डोरोथी ग्रूनर/आरआर