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यौन दुराचार: बेल्जियम बिशप को गलती का अहसास

१३ सितम्बर २०१०

पादरियों द्वारा बच्चों के साथ यौन दुराचार की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए बेल्जियम के कैथलिक गिरजे के प्रमुख आंद्रे लियोनार्ड ने कहा है कि ऐसा कतई नहीं होना चाहिए था.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

बेल्जियम में पादरियों के यौन दुराचार के 500 ऐसे मामले सामने आए हैं, यहां तक कि दो साल के बच्चों को भी नहीं बख्शा गया था. एक प्रेस कांफ्रेस में इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए देश के कैथोलिक चर्च के प्रमुख लियोनार्ड ने कहा कि रिपोर्ट से ऐसी बातों का पता चला है, जो कभी नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने इस पर जोर दिया कि कैथोलिक गिरजे को इससे सीख लेनी पड़ेगी.

दूसरी ओर, इन मामलों की देखरेख के लिए गिरजे की ओर से नियुक्त टुर्नाई के बिशप गी हारपिगनी ने मामलों की लीपापोती करने की कोशिश करते हुए कहा है कि यह समाज में व्याप्त बुराई का अंग है. उन्होंने कहा कि इसलिए इस सवाल पर सरकार और स्थानीय निकायों के साथ मिलकर व्यापक बातचीत की जानी चाहिए.

ब्रुग के बिशप रोगर वांगहेलुवे ने अप्रैल में यह स्वीकार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया कि 25 साल तक वे अपने भतीजे के साथ दुराचार करते रहे. पोप ने अब तक इस घटना की निंदा नहीं की है. बेल्जियम के गिरजे के प्रमुख लियोनार्ड ने भी प्रेस कांफ्रेंस में इस मामले पर टिप्पणी नहीं की. उन्होंने कहा कि इस मामले पर रोम को निर्णय लेना है.

यौन दुराचार की जांच कर रहे बाल मनोचिकित्सक पेटर आद्रियाएनसेन के पास लगभग 200 मामले आए थे. लेकिन उनकी जांच को उस समय धक्का लगा, जब समिति के सदस्यों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था. इस तरह वे पुलिस द्वारा समिति के कागजात जब्त किए जाने का विरोध कर रहे थे. यह मामला बाद में अदालत में पहुंचा, और न्यायाधीशों ने पुलिस की कार्रवाई को अवैध करार दिया. कागजात लौटाए जाने के बाद आद्रियाएनसेन ने समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने का निर्णय लिया था. सिर्फ पीड़ित बच्चों के नाम छिपाए गए हैं.

अमेरिका और जर्मनी में भी कैथोलिक पादरियों द्वारा बच्चों के साथ यौन दुराचार के अनेक मामले सामने आए हैं. जर्मनी में सभी संबद्ध पक्षों के साथ एक गोलमेज वार्ता शुरू की गई है. आशंका है कि इस तरह के और मामले सामने आ सकते हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: महेश झा

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