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रसायन का नोबेल पुरस्कार लिथियम आयन बैट्री बनाने वालों को

९ अक्टूबर २०१९

इस साल रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार जॉन गुडएनफ, स्टैनली व्हिटिंगम और अकीरा योशिनो को दिया जाएगा. लिथियम आयन बैटरी की खोज के लिए इन्हें इस बार पुरस्कार के लिए चुना गया है.

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Schweden Stockholm Nobelpreis Chemie 2019
तस्वीर: AFP/TT News/N.H. Jama

अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन गुडएनफ इस एलान के साथ ही दुनिया में सबसे अधिक उम्र में नोबेल हासिल करने वाले शख्स बन गए हैं. उनकी उम्र 97 साल है. पुरस्कार के तीन हिस्से होंगे जो गुडेएनफ के साथ ब्रिटेन के व्हिटिंगम और जापान के योशिनो को बराबर बराबर दिए जाएंगे.

लिथियम आयन बैट्री को जीवाश्म ईंधन का वर्चस्व खत्म करने और पर्यावरण की बेहतरी की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए बेहद अहम माना जाता है.  रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने पुरस्कारों का एलान करते समय कहा है, "इस दोबारा चार्ज होने वाली बैट्री ने मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे बेतार उपकरणों की नींव रखी है. इसने जीवाश्म ईंधन से मुक्त दुनिया को भी संभव बनाया है क्योंकि यह इलेक्ट्रिक कारों से लेकर अक्षय स्रोतों के लिए ऊर्जा जमा करने में इस्तेमाल हो रहा है."

Schweden Stockholm Nobelpreis Chemie 2019
तस्वीर: Nobel Media/Niklas Elmehed

व्हिटिंगम ने 1970 के दशक में पहली लिथियम बैट्री बनााई थी. गुडएनफ ने इस बैट्री की क्षमता को अगले दशक में दोगुना कर दिया. योशिनो ने इस बैट्री में से शुद्ध लिथियम को बाहर कर दिया जिसके कारण इसका इस्तेमाल सुरक्षित हो गया.

इस साल नोबेल पुरस्कारों में यह तीसरी अहम घोषणा है. इससे पहले भौतिकी और चिकित्सा के लिए नामों की घोषणा हो चुकी है. अगले कुछ दिनों में साहित्य, अर्थशास्त्र और शांति पुरस्कारों की घोषणा होगी.

मशहूर वैज्ञानिक और व्यवसायी अल्फ्रेड नोबेल ने इन पुरस्कारों के लिए धन का इंतजाम किया था जिसका जिक्र उनकी वसीयत में था. यह पुरस्कार 1901 से हर साल दिए जा रहे हैं. हर विषय के लिए दी जाने वाली पुरस्कार राशि करीब 830,000 यूरो है.

एनआर/एमजे(रॉयटर्स)

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