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राजनीतिक बदले की शिकार तीस्ता?

१९ फ़रवरी २०१५

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर दंगा पीड़ितों के दान के पैसों की गड़बड़ी के आरोप लगे हैं. कुछ लोग इसे उनके झूठे नकाब का हटना मानते हैं, तो कुछ को लगता है कि वे राजनीतिक बदले की शिकार बन रही हैं.

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Teesta Setalvad
तस्वीर: Panthaky/AFP/Getty Images

गुजरात दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के अभियान में अहम भूमिका निभाने वाली पूर्व पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ 2002 से ही सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस नाम का एनजीओ चला रही हैं. यह संगठन गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों के शिकार हुए लोगों की मदद करने के मकसद से बनाया गया था. गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना के स्वर उठाती आ रही सीतलवाड़ के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उन पर डोनेशन के पैसों का निजी इस्तेमाल करने का आरोप लगा है.

मोदी को घेरने वाली सीतलवाड़ इस बार खुद पुलिस और कचहरी के चक्कर में घिरी दिख रही हैं.

कांग्रेस सांसद रहे स्वर्गीय एहसान जाफरी की पत्नी और गुजरात दंगों की पीड़िता जाकिया जाफरी के साथ सीतलवाड़ के एनजीओ ने नरेंद्र मोदी और 62 अन्य नेताओं और सरकारी अधिकारियों के 2002 गुजरात दंगा मामले से जुड़े होने के आरोप लगाए थे. इनमें से चार आरोपियों पर आरोप तय किए गए और दो लोगों को दोषी भी करार किया जा चुका है. गुजरात क्राइम पुलिस के पास जनवरी 2014 में सीतलवाड़ और उनके पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. मामला गुलबर्ग सोसायटी में दंगा पीड़ितों की याद में स्मारक बनाने को लेकर जमा किए गए करीब 1.51 करोड़ रूपए की कथित गड़बड़ी का है.

सीतलवाड़ पर ना केवल 2007 से 2012 के बीच इकट्ठे किए गए इन पैसों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा है, बल्कि गुजरात पुलिस उन्हें और उनके पति जावेज आनंद को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है. जिससे फिलहाल देश के सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें राहत दी है. भारतीय मीडिया के कुछ धड़े उन पर पाकिस्तान के साथ संबंधित होने के भी आरोप लगाते रहे हैं.

तमाम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय जाहिर करने के लिए मशहूर महेश भट्ट जैसे फिल्मकार भी सीतलवाड़ के साथ सृजनात्मक तरीकों से असहमति जताने के संदेश देते दिखे हैं.

महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने जब ट्विटर पर तीस्ता सीतलवाड़ के समर्थन का संदेश डाला तो उन्हें भी सोशल मीडिया पर तमाम लोगों की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी. बहुत कम नेता ही सीतलवाड़ के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं.

हाल ही में कांग्रेस के मनीष तिवारी ने मामले के कोर्ट के विचाराधीन होने का हवाला देकर कोई सीधी टिप्पणी करने से इंकार किया. लेकिन यह जरूर कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध से ओतप्रोत आरोप लगते हैं.

आरआर/आईबी