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राजस्थान सरकार पर जुर्माना

१६ अप्रैल २०१४

राजस्थान में चिकित्सा विभाग की लापरवाही से एक महिला को सड़क पर ही प्रसव के लिए मजबूर होना पड़ा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस लापरवाही के लिए राजस्थान सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना ठोका.

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तस्वीर: imago/imagebroker

मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का है. प्रसव पीड़ा के बीच एक गर्भवती महिला सरकारी सामुदायिक केंद्र पहुंची. लेकिन डॉक्टर ने उसे दूसरे अस्पताल में भेज दिया. दूसरी जगह जाने के दौरान महिला ने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दे दिया. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसे राज्य चिकित्सा विभाग की लापरवाही करार दिया है.

आयोग ने एक मानवाधिकार कार्यकर्ता की शिकायत का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव से कहा है कि वह छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दे कर बताएं कि प्रभावित महिला को जुर्माने का भुगतान हुआ या नहीं.

शिकायत के अनुसार अगस्त 2011 में भीलवाड़ा में सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का एक चिकित्सा सहायक एक गर्भवती महिला को पुरुष डाक्टर के पास ले गया, जहां उसे भर्ती नहीं किया गया और महिला डाक्टर के पास रेफर कर दिया गया. जब इस महिला को स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास ले जाया जा रहा था तो उसने सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया.

मामले की जांच के दौरान आयोग को चिकित्सा सहायक की लापरवाही के बारे में पता चला. जिसके बाद उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई. एक पुरुष डाक्टर का तबादला कर दिया गया है जबकि महिला डाक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है.

ओएसजे/एएम (वार्ता)