1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

राज्य सभा ने दी तेलंगाना को मंजूरी

२० फ़रवरी २०१४

राज्य सभा ने तेलंगाना राज्य के गठन के लिए विधेयक पारित कर दिया है. संसद के ऊपरी सदन में हंगामे के बावजूद तेलंगाना विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास हो गया है और अब उसे बस राष्ट्रपति के हस्ताक्षर का इंतजार है.

https://p.dw.com/p/1BCpw
तस्वीर: UNI

तेलंगाना मुद्दे पर राजनीतिक विरोधों के बावजूद राज्य सभा ने तेलंगाना राज्य के गठन के विधेयक को पारित कर दिया. विधेयक पर वोटिंग के कुछ देर पहले तक बिल का विरोध कर रहे सांसदों ने "नहीं नहीं" के नारे लगाए और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी बात कहने का मौका भी नहीं दिया. लेकिन कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी सांसद विधेयक को पारित करवाने में सफल रहे. मंगलवार को लोक सभा में तेलंगाना के गठन को मंजूरी मिली और विधेयक पर बुधवार को ही राज्य सभा में वोटिंग होनी थी लेकिन संसद में हंगामे और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी के पद और कांग्रेस से इस्तीफे के बाद मामले को गुरुवार को लिए टाल दिया गया.

बिल पारित होने से पहले गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि इसके जरिए तेलंगाना इलाके में रह रहे लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि विधेयक में सारे भागीदारों की जरूरतों पर ध्यान दिया गया है. शिंदे ने कहा, "आप को याद होगा कि यह इलाका, जो आंध्र प्रदेश राज्य में है, उसकी एक अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान है. तेलंगाना और आंध्र के बाकी इलाकों में भी अलग राज्य के गठन के लिए आंदोलन हुए हैं जो 1960 और 1970 के दशक में चरम पर थे. बहस और समझौते के जरिए इन आंदोलनों को शांत किया गया."

Indien Hyderabad Proteste für einen neuen Staat Telanga
तेलंगाना के गठन के लिए कई आंदोलन छेड़े गएतस्वीर: picture alliance/AP Photo

तेलंगाना के समर्थकों का कहना है कि वह 50 से ज्यादा सालों से अपने राज्य के लिए लड़ रहे हैं. आंध्र प्रदेश की सरकारों ने उनकी जरूरतों की अनदेखी की है. हैदराबाद में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और डेल जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भारतीय शाखाओं के मुख्यालय हैं. तेलंगाना के बनने के बाद अगले 10 सालों तक हैदराबाद सीमांध्र और तेलंगाना की राजधानी रहेगा. माना जा रहा है कि आंध्र प्रदेश के बंट जाने से राज्य की अर्थव्यवस्था को धक्का लगेगा. सीमांध्र इलाके में भी हिंसा होने की आशंका है.

एमजी/एमजे(एपी, पीटीआई)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी