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रिश्तों को संवारने चीन पहुंचे मोदी

१४ मई २०१५

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की प्राचीन राजधानी शियान में टेराकोटा योद्धाओं की प्रदर्शनी देखने के साथ चीन की यात्रा शुरू की है. इस दौरे पर सीमा विवादों के उलझे भारत चीन संबंधों को नया आयाम देने की कोशिश है.

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तस्वीर: picture-alliance/ZUMA Press

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यात्रा की शुरुआत पर शियान में पर्यटकों में लोकप्रिय विश्व सांस्कृतिक धरोहर का दौरा किया और टेराकोटा सैनिकों के साथ अपनी तस्वीरें खुद ट्वीट कीं. यहां चीनी सम्राट हुयांग की सेना के शहीद जवानों की याद में मिट्टी की हजारों मूर्तियां कतारबद्ध तरीके से रखी हुई है. वहां उन्होंने अतिथि पुस्तिका में लिखा, "टेराकोटा आर्मी विश्व धरोहर है. यह चीन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का सबूत है."

मोदी प्रसिद्ध चीनी बौद्ध यात्री शुआन झांग की याद में बनाए गए आध्यात्मिक स्मारक को भी देखने गए. शुआन झांग को भारत में हुएन त्सांग के नाम से जाना जाता है. हुएन त्सांग ने 645 ईसवी में पारंपरिक रेशम मार्ग से भारत की यात्रा की थी और 17 वर्ष बाद अपने देश लौटे थे. शियान चीन के शांशी प्रदेश की राजधानी है और यह राष्ट्रपति शी जिनपिंग का गृहप्रदेश है. पिछले साल शी की भारत यात्रा गुजरात में शुरू हुई थी जहां नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया था. शियान में मोदी की मुलाकात शी जिनपिंग से होगी. यह चीन में पहली बार किसी देश के सरकार प्रमुख के साथ चीनी राष्ट्रपति की राजधानी बीजिंग के बाहर बैठक होगी.

उसके बाद मोदी बीजिंग में चीनी नेताओं के साथ राजनीतिक बातचीत करेंगे और शंघाई में कारोबार जगत के लोगों से मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री भारत के रेल आधुनिकीकरण और दूसरी ढांचागत परियोजनाओं के लिए निवेश आकर्षित करने की कोशिश करेंगे. यात्रा से पहले उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा चीन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को और आगे बढ़ाने की बुनियाद रखेगी." 61 वर्षीय शी और 64 वर्षीय मोदी अपने देशों के पहले नेता हैं जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पैदा हुए हैं.

चीन भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है. 2014 में दोनों देशों के बीच आपसी कारोबार 71 अरब डॉलर के बराबर था. लेकिन चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2001-02 के 1 अरब डॉलर के मुकाबले पिछले साल बढ़कर 38 अरब डॉलर हो गया है. नरेंद्र मोदी की चुनौती सीमा विवाद को निबटाने की कोशिश करते हुए चीन के साथ समुचित व्यापारिक साझेदारी विकसित करने की है. चीन के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की मोदी की कोशिशों के बावजूद सीमा पर तनाव बने हुए हैं. सालों से चल रही सीमा वार्ता अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है, "यह एक बहुत ही जटिल समस्या है."

एमजे/आईबी (एएफपी, डीपीए)