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रूस के गुप्त हथियार प्रोजेक्ट का मकसद क्या है

१४ अगस्त २०१९

रूस के न्योनोकसा में एक परीक्षण स्थल पर अचानक धमाका हो गया. इस हादसे में पांच परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई. हादसे के बाद न्योनोकसा से 47 किलोमीटर दूर सेवेरोड्विंस्क शहर में विकिरण फैल गया है.

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Russland Sewerodwinsk Raketen-Test
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Tass/Ministry of Defence of the Russian Federation

रूस में एक परीक्षण स्थल पर घातक विस्फोट ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की परमाणु मिसाइल बनाने की बात पर दुनिया का ध्यान खींचा है. रूस की सरकार को लगता है कि इससे मास्को को हथियारों की दौड़ में एक नई बढ़त मिलेगी. न्योनोकसा परीक्षण स्थल पर विस्फोट की वजह से स्थानीय विकिरण के स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. पश्चिमी विशेषज्ञों ने 8 अगस्त को हुए इस विस्फोट को 2018 में पहली बार पुतिन द्वारा 9M730 ब्यूरोवेस्तनिक परमाणु ऊर्जा संचालित क्रूज मिसाइल से जोड़ा है. हालांकि रूसी सरकार ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि यह घटना ब्यूरोवेस्तनिक प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई थी. साथ ही जो मिसाइल फटा है, उसकी पहचान भी जाहिर नहीं की गई है.

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पृथ्वी पर किसी भी लक्ष्य को निशाना बनाने की सैद्धांतिक क्षमता वाली परमाणु-चालित मिसाइल अच्छी लग सकती है, लेकिन  इसमें कई तरह की तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. यहां तक की लाभ से ज्यादा नुकसान भी हो सकता है. रूस की न्यूक्लियर एजेंसी रोसातोम ने कहा कि ब्लास्ट के दौरान उसके पांच कर्मचारी मारे गए. वे सभी एक मिसाइल के "आइसोटोप पावर सोर्स" के लिए इंजीनियरिंग और तकनीकी सहायता में जुटे थे.

हथियारों की एक नई दौड़ की आशंका तेज
इस साल शीत युद्ध के दौर में हुए इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस (आईएनएफ) संधि टूट जाने के बाद रूस और अमेरिका के बीच हथियारों की एक नई दौड़ की आशंका तेज हो गई है. फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस में सुरक्षा अध्ययन के प्रमुख कोरेंटिन ब्रस्तलाइन कहते हैं, "परमाणु मिसाइल को विकसित करने का उद्देश्य इसे एक सीमा देना है जो सिद्धांतिक रूप से असीमित है. यह आपको ढोने वाले ईंधन की मात्रा की रूकावट को भी दूर करता है. असीमित रेंज के साथ, आप दुश्मन पर प्रहार करने के लिए उनके क्षेत्र में देर तक चक्कर लगा सकते हैं. उन रास्तों का उपयोग कर सकते हैं, जिसकी वे निगरानी नहीं करते हैं. अमेरिकी रडार और उनके एंटी-मिसाइल डिफेंस को चकमा दे सकते हैं."

उन्होंने कहा कि रूस के ऊपर अमेरिकी मिसाइल डिफेंस पर बढ़त बनाने का जुनून है. यह शीत युद्ध के समय से ही चला आ रहा है. उस समय अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की अध्यक्षता में स्ट्रैटेजिक डिफेंस इनिशिएटिव कार्यक्रम चलाया गया था, जिसे "स्टार वार्स" के रूप में जाना जाता है. ब्रस्तलाइन कहते हैं, "रूस को डर है कि एक दिन अमेरिका के पास आक्रामक और रक्षात्मक साधनों का उपयोग करके उनके शस्त्रागार को बर्बाद की क्षमता होगी. अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणालियों में प्रवेश करने में सक्षम होने के या अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणालियों को विफल करने के लिए रूस अपने विकल्पों को तेजी से बढ़ा रहा है."

इस तरह की मिसाइल के निर्माण के लिए तकनीक की मांग काफी ज्यादा है. वजह ये है कि इसके लिए छोटे परमाणु रिएक्टर की आवश्यकता होती है, ताकि इसे मिसाइल में सेट किया जा सके. ऐसी स्थिति में वैज्ञानिकों और वहां काम करने वालों के लिए खतरा बना रहता है. नाम न बताने की शर्त पर फ्रांस के खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख ने बताया, "इस तरह के सुरक्षा कारणों की वजह से आमतौर पर हथियारों के विकास की गति पर रोक लगती है. लेकिन रूस समान सुरक्षा दिशानिर्देशों का सम्मान नहीं करता है क्योंकि वे उसे बहुत कठिन मानते हैं. इन सुरक्षानिर्देशों को देखते हुए फ्रांस ने केवल पनडुब्बियों और उसके चार्ल्स डी गॉल विमान वाहकों में ही परमाणु रिएक्टरों का इस्तेमाल किया है."

विशेषज्ञों ने विकिरण पर जताई चिंता
विशेषज्ञों ने इस हादसे की 1986 के चेरनोबिल परमाणु आपदा से किसी भी तरह की तुलना को खारिज किया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर हुए विकिरण को लेकर चिंता जताई हैं. रूस के मौसम सेवा विभाग ने कहा है कि विस्फोट के बाद नजदीकी शहर सेवेरोड्विंस्क में विकिरण का स्तर मानक से 16 गुना अधिक था. इस वजह से वहां ले लोगों ने काफी ज्यादा आयोडीन खरीदे. आयोडिन थायरॉयड ग्रंथि को विकिरण को अवशोषित करने से रोकने में मदद कर सकता है.

ब्रस्तलाइन का कहना है कि "बहुत ही संदिग्ध परिचालन हित" के लिए परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल विकसित करना "बेहद जटिल" था. वे कहते हैं, "परमाणु रिएक्टर को इतने छोटे आकार में विभाजित करने के लिए तकनीकी चुनौतियों और परीक्षणों पर अड़चनें बहुत अधिक हैं. यदि आप तकनीकी चुनौतियों, राजनीतिक, पर्यावरणीय परिणामों और परिचालन हित को एक साथ जोड़ते हैं, तो नकारात्मक नतीजा आता है."

रूसी सैन्य विशेषज्ञ अलेक्जेंडर गोल्ट्स ने मिसाइल को "पूरी तरह से बेकार और सतही" बताया. लेकिन रूसी सरकार का उद्देश्य उस समय आसान सैन्य रणनीति से अलग हो सकता है जब पुतिन की लोकप्रियता मॉस्को के साथ नियमित विरोध प्रदर्शनों की वजह से गिरावट पर है. पश्चिमी जगत में "फैसले करने वालों" के खिलाफ "अजेय" हथियारों को तैनात करने की धमकी और सैन्य श्रेष्ठता का उपयोग पुतिन और रूसी सरकार के लिए एक मजबूत कार्ड है.

ब्रस्तलाइन ने कहा, "राष्ट्रवाद को दिखाने का यह एक पहलू है जो अत्यंत महत्वपूर्ण है. पुतिन यह दिखाना चाहते हैं कि रूस ऐसे सिस्टम विकसित कर रहा है जो अमेरिका के पास नहीं है और वह तकनीकी प्रतिस्पर्धा बनाए हुए हैं." पूर्व फ्रांसीसी खुफिया प्रमुख ने कहा, "व्लादिमीर पुतिन के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक आयाम है. वह दिखाना चाहते हैं कि रूस अभी भी एक महान शक्ति है."

आरआर/एनआर (एएफपी)

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