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रोबन के भरोसे नीदरलैंड्स

प्रिया एसेलबॉर्न (संपादनः ए जमाल)६ जून २०१०

लंबे समय तक हॉलैंड के स्ट्राइकर आर्यन रोबन के बारे में कहा जाता था कि उनके अंदर प्रतिभा तो ज़रूर है. लेकिन बड़े मैचों में उन पर निर्भर नहीं किया जा सकता. पर बेहतरीन खेल से रोबन ने अपने सभी आलोचकों को चुप करवा दिया.

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तस्वीर: AP

आर्यन रोबन 16 साल के ही थे जब उन्होने नीदरलैंड्स यानी हॉलैंड की प्रीमियर लीग में पहला मैच खेला. हॉलैंड के क्लब ग्रोनिंगन और पीएसवी आइडहोवन के लिए खेलने के बाद उनका बड़ा सपना पूरा हुआ और उन्हें ब्रिटन की प्रीमियर लीग में चेल्सी के लिए खेलने का मौका मिला. 2007 में 23 साल की उम्र में रोबन अपनी करीयर के शिखर पर पहुंचे.

दुनिया के सबसे प्रसिद्ध क्लबों में से एक स्पेन के रियाल मैड्रिड ने रोबन को खरीद लिया. लेकिन परिकथा जैसी सफलता के बीच रोबन अकसर चोटिल रहने लगे. इसकी वजह से उन पर यह आरोप भी लगने लगे कि वह शारिरिक रूप से कमजोर हैं.

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तस्वीर: AP

रियाल मैड्रिड ने जब पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और ब्राज़ील के काका को खरीदा तब रोबन के लिए वहां जगह नहीं रही. 25 साल की उम्र में 2009 में उनसे क्लब छोड़ने को कहा गया. और ऐसे में, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्लबों में से एक रियाल मैड्रिड के लिए खेलने की उनकी सबसे बडी सफलता उनकी सबसे बडी नाकामी बन गई.

रोबन का मुश्किल सफर

उस वक्त जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा के सबसे मशहूर क्लब बायर्न म्यूनिख ने घोषणा की कि वह आर्यन रोबन को खरीद रहा है. जर्मनी के फुटबॉल प्रेमी तुरंत इस फैसले की आलोचना करने लगे. उनके कम बालों तक का मजाक उड़ाया गया, जिसकी वजह से वह अपनी उम्र से कई साल बड़े दिखते हैं. म्यूनिख में उन्हे नंबर 10 की जर्सी दी गई और नंबर 10 की भारी विरासत भी.

पेले और मैराडोना से लेकर, क्रिस्टियानो रोनाल्डो और माइकल बलाक जैसे सुपर स्टार ही इस नंबर के साथ खेलते रहे हैं. रोबन को नंबर 10 मिलने के साथ ही उन पर अभिशाप टूटा. उन्होंने कुछ ही मैच खेलने के साथ पूरे जर्मनी को मुग्ध कर दिया. रोबन एक ऐसे खिलाडी हैं, जो सिर्फ बिजली की तरह तेज़ नहीं हैं. उनके अंदर एक जबरदस्त विविधता है. यह इस बात से साबित होता हैं कि उन्हें लेफ्ट या राइट विंग या मिडफील्ड में भी जगह दी जा सकती हैं.

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तस्वीर: AP

बायर्न म्यूनिख के कोच हॉलैंड के लुई फान खाल हैं और उनके नेतृत्व में रोबन का खेल खूब निखरा. 24 मैचों में ही उन्होने बायर्न म्यूनिख के लिए 16 गोल दागे. बायर्न म्यूनिख का चैंपियनशिप और जर्मन कप जीतने में और क्लब को चैंपियन्स लीग फाइनल में पहुंचाने का उनकी बडी भूमिका रही है. नीदरलैंड्स की राष्ट्रीय टीम में भी रोबन के खेल को देखने के बाद अच्छा वर्ल्ड कप खेलने की उम्मीदें बढ़ रही हैं.

जो जीता वही सिकंदर

दिलचस्प बात यह कि पिछले हफ्तों में जब भी जर्मनी में फुटबॉल प्रेमियों या युवा खिलाडियों के बीच मत सर्वेक्षण किए गए और पूछा गया कि वह किसको अपना आदर्श मानते हैं, तो ज्यादातर बार रोबन का नाम सामने आया. इसकी एक वजह यह भी रही कि रोबन की निजी ज़िंदगी बहुत शांत है.

अगर उनसे खुद पूछा जाए कि उनको किस बात को लेकर सबसे ज़्यादा खुशी होती है तब वे कहते हैं कि उन्हे अपने परिवार और कुत्ते के साथ वक्त बिताने से और जापानी खाना खाने से.