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लंका ने डंडी मार कर वीरू को 99 पर रोका

१६ अगस्त २०१०

भारत के तूफानी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की शानदार पारी एक रन से शतक से चूक गई. इसके लिए श्रीलंका ने खेल भावना के विपरीत जाते हुए बेहद शर्मनाक हरकत की और एक स्पिनर ने जान बूझ कर नो बॉल फेंक दिया. सहवाग 99 पर नाबाद रह गए.

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तस्वीर: AP

भारत को जीत के लिए एक रन की दरकार थी और मोर्चे पर 99 रन बना कर वीरेंद्र सहवाग खेल रहे थे. उन्हें अपना 13वां शतक पूरा करने के लिए सिर्फ एक रन की जरूरत थी. ऐसे मौके पर श्रीलंका के स्पिन गेंदबाज सूरज रणदीव ने नो बॉल फेंक दी. हालांकि सहवाग ने आगे निकल कर इस गेंद पर छक्का जड़ दिया. लेकिन नो बॉल के एक रन के साथ ही भारत की जीत हो गई और वीरू एक रन से शतक से चूक गए. उनका छक्का नहीं गिना गया.

स्पिन गेंदबाज आम तौर पर नो बॉल नहीं फेंकता और यह बात लगभग साफ है कि वीरू को शतक से रोकने के लिए रणदीव ने खेल भावना से इतर काम किया. यह वही रणदीव हैं, जिन्होंने इस सीजन में टेस्ट मैचों या वनडे में एक भी नो बॉल नहीं फेंकी है. रांदीव की इस हरकत का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि उनका सिर्फ अगला पैर ही नहीं, बल्कि पिछला पैर भी क्रीज से लगभग बाहर निकल चुका था. उन्होंने नो बॉल करने का फैसला कर लिया था. लेकिन दिलदार वीरू के लिए शतक कोई मायने नहीं रखता. उन्होंने बिंदास जवाब देकर मामला खत्म करने की कोशिश की.

Virender Sehwag
तस्वीर: AP

अगर भारत को एक रन से ज्यादा की जरूरत होती तो सहवाग का छक्का गिना जाता और उनके खाते में नाबाद 105 रन होते. लेकिन क्रिकेट के नियमों के मुताबिक अगर जीत के लिए एक रन की जरूरत है, तो नो बॉल का रन पहले गिना जाता है और अगर इसके साथ ही जीत हो जाती है तो बल्लेबाज चाहे कोई भी रन बनाए, उसे नहीं गिना जाता. वीरू भी इस बात को जानते हैं. शॉट लगा कर एक बार तो उन्होंने हवा में अपना बल्ला ऊपर उठाया लेकिन जब अंपायर की तरफ देखा कि वह नो बॉल का इशारा कर रहा है, तो उन्होंने चुप चाप बल्ला नीचे कर लिया. भारत मैच जीत गया. एक बोनस अंक के साथ.

सहवाग भले ही चुप हो गए हों लेकिन क्रिकेट के जानकार और कमेंटेटरों ने इस मुद्दे को खूब तूल दे दिया. किसी टेलीविजन चैनल पर कमेंट्री कर रहे भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. श्रीलंका ऐसा करता आया है और 2002 में कैंडी टेस्ट के दौरान उनके साथ भी ऐसा किया, जब वह 98 रन बना कर नाबाद थे.

क्रिकेट की सबसे बड़ी वेबसाइट क्रिकइंफो डॉट कॉम ने भी इस मुद्दे को तूल दिया और कमेंटेटरों ने भी.

खेल भावना के खिलाफ जाने पर श्रीलंका की फजीहत होने लगी तो कप्तान कुमार संगकारा को भी सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि वह रणदीव से बात करेंगे. लेकिन इस जीत के साथ ही भारत ने त्रिकोणीय सीरीज में जीत की शुरुआत कर दी है. सहवाग ने मुश्किल वक्त में बेहतरीन 99 नाबाद रन की पारी खेली, जबकि कप्तान धोनी ने भी 23 रन बनाए. श्रीलंका के 170 रन के जवाब में भारत ने सिर्फ चार विकेट खोकर जरूरी रन बना लिया.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एन रंजन