लंदन मेट्रो के 151 साल
जैसे मुंबई की लाइफलाइन उसकी लोकल ट्रेनें हैं, लंदन की धड़कन उसकी अंडरग्राउंड ट्रेनें हैं. एक जबरदस्त जाल जो पूरे लंदन में बिछा है और अधिकतर रास्ते के नीचे चलता है.
खास पहचान
लाल गोले में नीली पट्टी. अंडरग्राउंड लंदन मेट्रो का यह निशान इतना मशहूर हुआ कि दुनिया भर के कई मेट्रो रेलों ने इससे मिलती जुलती पहचान तैयार की. लंदन की पहली मेट्रो नौ जनवरी, 1863 को चली.
पैडिंगटन टू फैरिंगडॉन स्ट्रीट
लंदन मेट्रो में अब कई रूट और 270 स्टेशन बन चुके हैं. पर पहली रेल मेट्रोपोलिटन लाइन पर पैडिंगटन से फैरिंगडॉन स्ट्रीट पर चली. 1862 की इस तस्वीर में इसी लाइन की जांच हो रही है.
भाप का इंजन
लंदन अंडरग्राउंड की शुरुआत भाप वाले इंजन से हुई. 1898 में बने भाप इंजन को इस महीने के शुरू में फिर इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा मेट्रो के 150 साल पूरे होने पर किया जा रहा है.
1920 का डिब्बा
ये बेमिसाल बल्ब और शानदार सजा सजाया डिब्बा लंदन मेट्रो की एक ट्रेन का है. तस्वीर 1920 के आस पास की है. इस समय तक बिजली से ट्रेनें चलने लगी थीं.
जंग में सहारा
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लोगों ने हवाई हमलों से बचने के लिए मेट्रो स्टेशनों का इस्तेमाल किया. लेकिन ये हमेशा सुरक्षित नहीं होते थे. 1940 की इस तस्वीर में लोग बाउंड ग्रीन स्टेशन पर जमा हैं.
कैनेरी वार्फ
लंदन मेट्रो का जब विस्तार किया गया, तो कई नए स्टेशन बनाए गए. 1999 में कैनेरी वार्फ भी तैयार हुआ, जो अब सबसे व्यस्त स्टेशनों में गिना जाता है.
लंदन बम धमाके
जुलाई 2005 में लंदन के आतंकवादी हमलों की शुरुआत अंडरग्राउंड से ही हुई. मेट्रो रेल के अलावा डबल डेकर बसों को निशाना बनाया गया. इसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए.
शराब पीना मना है
लंदन के लोगों की अपनी सोच है. लंदन अंडरग्राउंड में 2006 में शराबबंदी के एलान के बाद उत्साही युवकों ने खुल कर मेट्रो के अंदर पार्टी की. ऐसी ही एक पार्टी की तस्वीर.
शान की पहचान
यह 150 साल से लंदन की पहचान रही है. दुनिया भर में जहां भी नए मेट्रो तंत्र बनते हैं, लंदन का जिक्र जरूर होता है.