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लहरों को नचाती ट्रैक्टर बीम

१३ अगस्त २०१४

तालाब में पत्थर मारने के बाद क्या आप लहरों पर काबू पा सकते हैं, ऑस्ट्रेलिया में रिसर्चरों ने ऐसा करने का एक तरीका खोज लिया है. तकनीक की मदद से पानी में बहते और कचरे को एक जगह जमा करने में मदद मिलेगी.

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तस्वीर: Parvaneh Zargar

ऑस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर माइकल शैट्स के ग्रुप ने लहरों के बहाव के तरीके को नियंत्रित करने में सफलता पाई है. टीम ने एक वेब जेनरेटर बनाया है. ये ऐसी लहरें बनाता है कि लहरों के साथ बहती चीजों को बिना छुए मनचाही दिशा में बहाया जा सके.

इसे ट्रैक्टर बीम नाम दिया गया है. विज्ञान की काल्पनिक कहानियों में ट्रैक्टर बीम ऐसी तकनीक को कहा जाता है जो दूर से ही, चीजों को बिना छुए अलग अलग कर दे. कॉमिक्स या कार्टूनों में इसे एलियंस और उनकी उड़नतश्तरियों से जोड़ा जाता है. एलियंस जिस तरह से दूर से ही किसी चीज खींच लेते हैं, वह ट्रैक्टर बीम है. यह कुछ कुछ चुंबक की तरह है. फर्क इतना है कि चुंबक से खींचे गए लोहे को बीच हवा में नहीं रोका जा सकता. वहीं ट्रैक्टर बीम से होने वाले अलगाव को नियंत्रित किया जा सकता है.

ट्रैक्टर बीम के जरिए पानी में बहती चीजों को नियंत्रित करने वाले इस प्रोजेक्ट के प्रमुख और स्कूल ऑफ फिजिक्स एंड इंजीनियरिंग के होर्स्ट पुंसमान के मुताबिक, "ऐसे नतीजे की उम्मीद किसी को नहीं थी." प्रयोग के दौरान वैज्ञानिकों ने पानी की टंकी में गेंद डाली. पानी शांत होने के बाद उन्होंने उसमें लहरें पैदा की. लहरों की वजह से गेंद अपनी जगह बदलने लगी. पूरी प्रक्रिया पर पार्टिकल ट्रैकिंग टूल्स से नजर रखी जा रही थी.

प्रोफेसर शैट्स के मुताबिक, "हमने पाया कि एक निश्चित ऊंचाई वाली यह जटिल और तीन आयामी लहरें सतह पर बहाव का पैटर्न तय करती हैं. ट्रैक्टर बीम भी ऐसा ही एक पैटर्न है, इसके जरिए हम लहरों को बाहर की तरफ, अंदर की तरफ या भी भंवर की तरह घुमा सकते हैं."

पानी पर बहती गोल, चौकोर या टेढ़ी मेढ़ी चीजों को भी ट्रैक्टर बीम से नियंत्रित किया जा सकता है. समुद्र में बहते कचरे और तेल रिसाव को भी ट्रैक्टर बीम जेनरेटर की मदद से फैलने से रोका जा सकता है.

हालांकि इस बड़ी सफलता के बावजूद वैज्ञानिक अब तक एक सवाल नहीं सुलझा पाए हैं. सवाल है, पानी पर होने वाले आघात और उससे पैदा होने वाली लहरों से संबंध. पुंसमान कहते हैं, "यह अनसुलझे महान सवालों में से एक है, हर कोई नहाते वक्त बाथटब में लहरें पैदा कर सकता है, लेकिन हैरानी ये है कि आज तक कोई इसे समझा नहीं पाया है."

ओएसजे/एएम (एपी)