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लुप्तप्राय सूची से बाहर निकलने को तैयार चिड़िया

२३ अक्टूबर २०१९

34 साल तक लुप्तप्राय जीवों की सूची पर रहने के बाद मध्यपश्चिमी चिड़िया टर्न की आबादी ने ऐसी उड़ान भरी है कि इसे अब सूची से और अमेरिका के संघीय संरक्षण से बाहर निकालने की तैयारी हो रही है.

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तस्वीर: imago/alimdi

लंबी चोंच वाली टर्न चिड़िया का जीवन मिसौरी जैसी बड़ी नदियों पर बांध बनाने के कारण संकट में पड़ गया. यह पहली बार नहीं था. इससे पहले 18वीं सदी में महिलाओं की टोपी बनाने के लिए इन चिड़ियों का इतना शिकार हुआ कि ये लुप्तप्राय जीवों की सूची में पहुंच गईं. हालांकि 1985 के बाद से अब तक इस चिड़िया की आबादी करीब 10 गुना बढ़ कर 18000 तक जा पहुंची है. इनके घोसलों की तादाद भी 48 से बढ़ कर 480 हो गई है. इरादे मजबूत हों और हर तरह से कोशिश की जाए तो लुप्तप्राय जीव वापस आ सकते हैं और टर्न इसका सबसे बड़ा उदाहरण बनने जा रही है. यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस का कहना है कि वह इस चिड़िया को लुप्तप्राय जीवों की सूची से बाहर निकालने के बारे में विचार कर रही है.

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तस्वीर: AP

यह प्रक्रिया छह साल पहले शुरु हुई जब अमेरिका की इस एजेंसी ने पहली बार कहा कि यह चिड़िया खतरे से बाहर निकल आई है. एक कंप्यूटर मॉडल से पता चला है कि इसकी आबादी अब स्थिर रहेगी. यहां तक कि लुप्तप्राय जीवों की सूची में किसे डालना है और किसे नहीं इसे लेकर ट्रंप सरकार से संघर्ष करने वाले संरक्षणवादी और ऐसी मांग करने वाले गुट भी कह रहे हैं कि इस प्रवासी चिड़िया ने पर्यावरण के सफलता की इबारत लिखी है. सेंटर फॉर बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी की लुप्तप्राय जीव निदेशक नोआ ग्रीनवाल्ड का कहना है, "सूची से बाहर निकालना उचित है. यह दिखाता है कि अगर हम सचमुच ध्यान दें और ख्याल रखें तो हम जीवों की मदद कर सकते हैं और जो पहले नुकसान पहुंचा है उसे वापस कर सकते हैं. हमने इन नदियों को भी जो क्षति पहुंचाई है उसका कुछ हिस्सा लौटा सकते हैं."

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तस्वीर: AP

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इन चिड़ियों की आबादी धीरे धीरे बढ़ने लगी. हालांकि उसके बाद बांध और खासतौर से मिसौरी नदी पर बने बांधों की वजह से इनका जीवन संकट में पड़ गया. जल प्रबंधन में बदलाव की वजह से द्वीपों का आकार बढ़ गया और नदी में नए नए द्वीप भी बन गए. इसकी वजह से इन्हें घोसला बनाने और रहने के लिए नई जगहें मिल रही हैं. मिसौरी नदी में इन चिड़ियों की तादाद बहुत बढ़ गई है. जहां पहले यह महज कुछ सौ थीं वहीं 1980 के दशक के बाद इनकी संख्या कम से कम 10 हजार तक जा पहुंची है.

अमेरिका में टर्न पक्षी की तीन तरह की आबादी मानी जाती है. एक आबादी कैलिफोर्निया में है जो अब भी खतरे में है. दूसरी आबादी पूर्वी इलाके में है जो अब बेहतर हो रही है. लीस्ट टर्न अपने सजातीय पक्षियों में सबसे छोटा है लेकिन यह यात्राएं लंबी करता है. एक चिड़िया को पहले दक्षिणी डकोटा में टैग किया गया बाद में वह जापान में मिला. आमतौर पर यह जमीन पर अपना घोसला बनाते हैं और छोटी मछलियां इनका आहार बनती हैं. छोटे शरीर को देखते हुए इनकी 15 साल की आयु को काफी ज्यादा माना जाता है. ये पक्षी हर साल पतझड़ के मौसम में केरेबियाई इलाके और दक्षिण अमेरिका की तरफ जाते हैं.

नोआ ग्रीनवाल्ड का कहना है कि टर्न इस बात का एक अच्छा उदाहरण है कि लुप्तप्राय जीवों के लिए बने कानून कैसे काम कर सकते हैं. वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि आने वाले दशकों में धरती पर से करीब 10 लाख जीव लुप्त हो जाएंगे.

एनआर/एमजे(एपी)

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