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लैला का कहर, हज़ारों लोग विस्थापित

१९ मई २०१०

भारत के दक्षिणी राज्यों में चक्रवाती तूफान लैला का कहर बढ़ता जा रहा है. बंगाल की खाड़ी के इस तूफान की वजह से तमिलनाडु के तटीय हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. गुरुवार तक इसके आंध्र प्रदेश पार कर जाने का अनुमान.

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तस्वीर: AP/NOAA

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवाती तूफान लैला का रुख थोड़ा उत्तर की तरफ हो गया है. अब इसका केंद्र चेन्नई से 190 किलोमीटर पूर्व उत्तरपूर्व दिशा में आ गया है. लैला की वजह से चेन्नई सहित कई शहरों में मंगलवार रात से लगातार बारिश हो रही है. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र में न जाएं.

अधिकारियों ने बताया कि यह तूफान अभी और शक्तिशाली हो सकता है और उत्तरपश्चिम से लेकर उत्तर दिशा में आगे बढ़ सकता है. अनुमान है कि गुरुवार सुबह तक यह आंध्र प्रदेश के ओनगोल और विशाखापत्तनम से होता हुआ पार कर जाएगा. कलिंगापट्टिनम, गंगावरम, काकीनाडा, विशाखापत्तनम और मछलीपत्तनम में गुरुवार सुबह के लिए चेतावनी का सबसे ऊंचा स्तर (सिग्नल नंबर 7) जारी कर दिया गया है. एहतियात के लिए तटीय इलाकों से 40 हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया गया है.

Riesenwelle über Tanker
विनाशकारी बन सकती हैं लहरेंतस्वीर: Philippe Lijour

इस तूफान की वजह से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी से बेहद भारी वर्षा हो सकती है. रामेश्वरम से मिली रिपोर्ट के मुताबिक लैला की वजह से भारतीय तटरक्षक बेड़े के एक पोत सहित 140 नावों को काफी नुकसान पहुंचा है. मंगलवार देर रात से तेज हवाएं चलने लगीं, जिसकी वजह से 46 नावें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं. हवा इतनी तेज थी कि ये नावें आपस में टकराने लगीं और बुरी तरह टूट गई हैं.

हालांकि लगातार बारिश से लोगों को गर्मी से तो निजात मिली है लेकिन दूसरी तरह की परेशानियां बढ़ गई हैं. यातायात के साधन बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं और ट्रेनें लेट से चल रही हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः महेश झा