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वर्ल्ड कप में आज जर्मनी बनाम इंग्लैंड

२७ जून २०१०

दक्षिण अफ़्रीका में चल रहे फ़ुटबॉल विश्व कप में आज प्रीक्वार्टर फाइनल में जर्मनी का मुक़ाबला इंगलैंड से है. दोनों ही देशों में जोश का पारा चढ़ रहा है. हारने वाली टीम टूर्नामेंट से बाहर होगी.

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तस्वीर: AP

नेलसन मंडेला की अफ़्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना जिस शहर में हुई थी उस मैंगोंग शहर के मैदान पर जर्मनी और इंग्लैंड जब मुकाबले के लिए उतरेंगे तो अगले 90 मिनट तक दोनों देशों के खेलप्रेमी ही नहीं दुनिया भर के बाकी लोग भी टीवी से अपनी नजरें हटा नहीं पाएंगे. इनके बीच फुटबॉल किसी जंग से कम नहीं.

Screenshot WM 2010 England Deutschland Boulevard Flash-Galerie
ब्रिटिश टेबलॉयडतस्वीर: thesun.co.uk

मुकाबले से ठीक पहले ब्रिटिश कोच ने ये कहकर जर्मनी पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है कि रूनी ठीक हैं और 120 मिनट तक भी मैदान में टिकना पड़ा तो उनके पैर नहीं लड़खड़ाएंगे. फैबियो कपेलो दरअसल जर्मनी पर दबाव ही नहीं अपनी टीम का भरोसा भी बनाए रखना चाहते हैं. इस बार के वर्ल्डकप में रूनी भले ही अब तक नाकाम रहे हैं लेकिन अब सबकी नजरें उन्हीं पर हैं. बात जब नाक बचाने की हो तो सबको रूनी ही दिखते हैं औऱ जर्मनी के खिलाफ मुकाबले में तो उनपर दबाव रहेगा ही. स्लोवेनिया के खिलाफ मैच में जब कोहनी की समस्या से उन्हें मैदान में से हटना पड़ा तो आलोचकों की आवाज़ें बुलंद हो गईं. कोच कपेलो को भरोसा है कि आज रूनी अपने आलोचकों को जवाब अपने बूट से देंगे.

समस्या जर्मनी की भी है कि उसके कई खिलाड़ी चोटिल हैं. काकाउ तो पहले से ही बाहर हैं इसके अलावा श्वाइनटाइगर और बोआतेंग भी ज़ख़्मी हैं. ये कहना अभी मुश्किल है कि आज ये दोनों खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे या नहीं.

WM 2010 England Deutschland Boulevard Flash-Galerie
जर्मन टेबलॉयडतस्वीर: picture alliance / dpa

ये तो पहले से ही तय था कि दक्षिण अफ्रीका में दोनों टीमों को आपस में भिड़ना होगा लेकिन लोग इस मुकाबले को बाद में होते देखना चाहते थे. जर्मनी सर्बिया से हारने के बाद भी अब तक अपराजेय रही इंग्लैंड की टीम से बेहतर स्थिति में है. आखिरकार उसने दो मैचों में बढ़िया जीत हासिल की है जबकि इंग्लैंड के खाते में अब तक एक ही जीत दर्ज हुई है.

इससे पहले दोनों टीमों की विश्व कप फाइनल में जंग 1990 में हुई थी. तब अंग्रेज टीम को जर्मनों की पेनल्टी किकों की आंच ने जला डाला था. हालांकि 2001 में लंदन में क्वालिफाइंग मुकाबले में अंग्रेज टीम ने जर्मनी पर अब तक की सबसे शानदार 5-1 से जीत दर्ज की थी. दोनों टीमों के बीच हुए ज्यादातर मुकाबले नतीजे देने वाले रहे हैं और टक्कर कांटे की है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एन रंजन

संपादन: महेश झा